6 महीने का कारावास और 29 लाख के जुर्माने की सजा, घरेलू बिजली से कमर्शियल उपयोग करने पर यहां सुनाया गया फैसला

जानें मामला।

Update: 2022-01-03 12:39 GMT

छिंदवाड़ा: छिंदवाड़़ा में छह साल पहले एक घरेलू बिजली उपभोक्ता के खिलाफ बिजली चोरी का मामला बनाया गया था। यह मामला अदालत में पहुंचा और सुनवाई के बाद विद्युत उपभोक्ता को छह महीने का कारावास और 29 लाख के जुर्माने की सजा सुनाई गई है।

छिंदवाड़ा जिले के सौंसर का यह मामला है। बिजली कंपनी के मुख्य महाप्रबंधक-प्रवर्तन अरविंद चौबे ने बताया कि कंपनी के उड़नदस्ता दल ने बारडे रोड सौंसर निवासी बसंत बागडे़ के परिसर में 23 जुलाई 2015 को छापा मारकर बिजली चोरी का खुलासा किया था। आरोपी के परिसर में घरेलू कनेक्शन तथा फ्लेट रेट वाले बिना मीटर के पंप कनेक्शन से शादी के लान एवं उसके निर्माण कार्य में 57 हजार 115 वाट विद्युत का अवैध उपयोग पाया गया था। उड़न दस्ता ने विद्युत अधिनियम के तहत आरोपी के विरूद्व पंचनामा तैयार कर 9 लाख 74 हजार 326 रूपये की क्षतिपूर्ति राशि का निर्धारण किया था।
क्षतिपूर्ति जमा नहीं करने पर अदालत पहुंचा था मामला
आरोपियों द्वारा क्षतिपूर्ति राशि जमा नहीं करने पर बसंत बागडे एवं वैभव बागडे़ के विरूद्व न्यायालय में साक्ष्यों के साथ परिवाद दाखिल किया गया था। न्यायालय द्वारा प्रकरण में दोषी पाए जाने पर बसंत बागडे़ को विद्युत अधिनियम की धारा 135 के अपराध के लिए 6 माह के कारावास के दंड तथा उसके द्वारा प्राप्त वित्तीय लाभ 9 लाख 74 हजार 326 रूपये के तीन गुना अर्थात 29 लाख 22 हजार 978 रूपये के अर्थदंड से दंडित किया गया। दोषी बसंत बागड़े द्वारा राशि जमा नहीं करने पर उसे दो माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भी सुनाई गई। अपराध में सहभागी वैभव बागडे़ को भी 5000 रूपये के अर्थदंड से दंडित किया गया।

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