भाजपा के वरिष्ठ नेता का निधन, पार्टी में शोक की लहर

Senior BJP leader dies, wave of mourning in the party

Update: 2020-12-17 04:04 GMT

फाइल फोटो 

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठतम नेताओं में शुमार गोंडा के पूर्व सांसद और राष्ट्रीय पदों पर रह चुके सत्यदेव सिंह का निधन हो गया है। उन्हें स्वास्थ्य खराब होने के कारण मेदांता में भर्ती कराया गया था जहां बुधवार रात उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर मिलते ही देवीपाटन मंडल में शोक छा गया है।

जिले ही नहीं मंडल में भाजपा के सिरमौर कहे जाने वाले सत्यदेव सिंह युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ-साथ प्रदेश उपाध्यक्ष समेत कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके थे। अपनी सादगी और पारदर्शी राजनीति के कारण श्री सिंह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कोर कमेटी तक में शामिल रहे थे। एक निर्विवाद राजनीतिज्ञ के रूप में उन्होंने 1977 में गोंडा से सांसद पद का चुनाव लड़ा और जीते। राम मंदिर आन्दोलन में भी देवीपाटन मंडल से उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही।
लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के अभिन्न मित्रों में से एक श्री सिंह को कुछ दिनों पहले स्वास्थ्य खराब होने के कारण मेदांता में भर्ती कराया गया था। दुखद यह कि इसी माह उनकी धर्मपत्नी का निधन भी हो चुका है। इसके बाद वे सदमें में रहे। श्री सिंह के निधन से भाजपा को अपूरणीय क्षति हुई है। भाजपा जिला अध्यक्ष सूर्य नारायन तिवारी ने गहरा शोक व्यक्त किया है। गुरुवार सुबह गोंडा स्थित उनके आवास पर मंडल भर के भाजपा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं का आना शुरू हो गया है।
सत्यदेव सिंह 1977 में पहली बार गोण्डा लोकसभा क्षेत्र से भारतीय लोकदल के टिकट पर सांसद चुने गए। इसके बाद 1991 और 1996 में भारतीय जनता पार्टी के सदस्य के रूप में बलरामपुर संसदीय सीट से लोकसभा के लिए चुने गए थे। वह 1980 से 1985 तक भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे। वर्तमान में लाल बहादुर शास्त्री कालेज में प्रबन्ध समिति के उपाध्यक्ष भी थे। भाजपा केंद्रीय अनुशासन समिति के सदस्य भी थे। अटल बिहारी वाजपेयी की विरासत बलरामपुर सीट से सांसद थे सत्यदेव सिंह। अटल बिहारी और आरएसएस समेत बड़े नेताओं के करीबी थे।
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