देश में कोरोना की दूसरी लहर को बेलगाम होते देख अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में चिंता, मदद के लिए बढ़ाये हाथ
भारत में कोरोना की दूसरी लहर को बेलगाम होते देख पूरी अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में चिंता की लहर व्याप्त है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: नई दिल्ली। भारत में कोरोना की दूसरी लहर को बेलगाम होते देख पूरी अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में चिंता की लहर व्याप्त है। चीन, आस्ट्रेलिया, फ्रांस, रूस, जापान समेत कई देशों ने संकट की इस घड़ी में भारत की मदद की पेशकश की है। भारत सरकार ऑक्सीजन, रेमडेसिविर और अन्य दवाइयां लेने के लिए कई स्तरों पर बातचीत कर रही है। सिंगापुर समेत अन्य दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों से भी तत्काल ऑक्सीजन लेने पर वार्ता हो रही है। रूस से रेमडेसिविर इंजेक्शन की खेप मंगाने को लेकर बात जारी है।
भारत में हेल्थ इमरजेंसी के हालात को अंतररराष्ट्रीय मीडिया ने बनाई पहली खबर
गुरुवार को भारत में सामने आए कोरोना संक्रमण के 3.32 लाख नए मामले और हेल्थ इमरजेंसी के हालात को अंतररराष्ट्रीय मीडिया ने सबसे पहली खबर बनाई है। इसका असर विश्व के नेताओं के रुख पर भी दिख रहा है।
राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा- कोरोना महामारी को लेकर फ्रांस भारत की जनता के साथ
शुक्रवार को सबसे पहले फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने ट्वीट किया, 'कोविड-19 मामलों के बढ़ने की स्थिति में फ्रांस भारत की जनता के साथ है। फ्रांस आपके संघर्ष में साथ है। हम हर तरह की मदद देने को तैयार हैं।'
विदेश मंत्री पायने ने कहा- आस्ट्रेलिया ने भारत के साथ काम करने की जताई इच्छा
इसके तुरंत बाद आस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मेरिस पायने ने भी अपना संदेश भेजा और भारत के साथ काम करने की इच्छा जताई। यूरोपीय संघ (ईयू) से भी मदद की पेशकश आई है। शुक्रवार को ईयू के एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट मारग्रेथ वेस्ताजेर के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर की बातचीत में यह पेशकश आई।
भारत और ईयू के बीच आठ मई, 2021 को शिखर वार्ता
बाद में जयशंकर ने ट्विटर पर लिखा कि ईयू ने मदद की जो पेशकश की है हम उसकी प्रशंसा करते हैं। भारत और ईयू के बीच आठ मई, 2021 को शिखर वार्ता है जिसमें कोरोना महामारी की रोकथाम के संदर्भ में सहयोग के मुद्दों पर विस्तार से चर्चा होगी।
कच्चे माल पर अमेरिका की चुप्पी
सनद रहे कि ईयू, ब्रिटेन और अमेरिका तीन ऐसे देश हैं जो भारत में वैक्सीन निर्माण में जरूरी कच्चे माल की आपूर्ति नहीं कर रहे। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता से गुरुवार को भी इस बारे में सवाल पूछा गया तो उनका रवैया टालने वाला था। प्रवक्ता ने साफ तौर पर कहा कि अमेरिका के लिए अपने नागरिकों की सुरक्षा सबसे पहली प्राथमिकता है।
चीन के पास आक्सीजन आपूर्ति बढ़ाने की तकनीक
चीन के विदेश मंत्रालय ने लगातार दूसरे दिन भारत को मदद देने की पेशकश की है। शुक्रवार को चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने न सिर्फ भारत में कोरोना के बढ़ते मामले को लेकर ¨चता जताई बल्कि यह भी कहा कि हम भारत को इस संकट की घड़ी में मदद देने के लिए बातचीत कर रहे हैं। जानकारों का मानना है कि चीन के पास बड़े अस्पतालों में आपातकालीन परिस्थितियों में आक्सीजन आपूर्ति बढ़ाने की तकनीक और मशीनरी है लेकिन मौजूदा तनावग्रस्त हालात को देखते हुए उससे मदद लिया जाएगा या नहीं, इसमें संदेह है।
भारतीय मिशन कई कंपनियों के संपर्क में
सूत्रों ने बताया है कि कई देशों में स्थित भारतीय मिशन वहां आक्सीजन व रेमडेसिविर इंजेक्शन और अन्य दवा के लिए सरकारों एवं कंपनियों से बात कर रहे हैं। आक्सीजन की आपूर्ति को लेकर यूएई, ¨सगापुर और कुछ दूसरे दक्षिणी पूर्वी एशियाई से बात की जा रही है। रूस ने भी आक्सीजन आपूर्ति में मदद की पेशकश की है। भारतीय विशेषज्ञों का मानना है कि रूस की मदद काफी महत्वपूर्ण हो सकती है। रूस ने रेमडेसिविर इंजेक्शन देने का भी प्रस्ताव किया है जिसे भारत दो हफ्तों में पहुंचाई जा सकती है।
पाकिस्तानी फाउंडेशन ने 50 एंबुलेंस भेजने की पेशकश की
पड़ोसी देश पाकिस्तान के गैर सरकारी संगठन ईधी फाउंडेशन ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर तत्काल 50 एंबुलेंस भेजने की पेशकश की है। ईधी फाउंडेशन के फैजल ईधी की तरफ से भेजे गये पत्र में वाघा बॉर्डर को खोलने का सुझाव दिया गया है ताकि 50 एंबुलेंस और इसके साथ मेडिकल स्टाफ भेजा जा सके।
कुछ और देशों ने बंद की उड़ानें
भारत में कोरोना वायरस के नए ट्रिपल म्यूटेंट को लेकर वैश्विक बिरादरी की सतर्कता भी बढ़ती जा रही है। संयुक्त अरब अमीरात, आस्ट्रेलिया, कनाडा ने भारत से आने जाने पर फिलहाल रोक लगा दी है। अमेरिका ने भी अपने नागरिकों को चेतावनी दी है कि वह भारत की यात्रा ना करें। पड़ोसी देश नेपाल ने भी भारत से लगी सीमा पर अपने अधिकारियों को सतर्क कर दिया है कि दूसरी तरफ से आने वालों पर कड़ी नजर रखें। अपने सभी नागरिकों को वैक्सीन लगा चुके इजरायल ने भी अपने नागरिकों को भारत यात्रा को लेकर सतर्क किया है। पहले ही ब्रिटेन, हांगकांग, न्यूजीलैंड, सऊदी अरब भारत से उड़ानों को प्रतिबंधित कर चुके हैं। इसका मतलब हुआ कि जिन देशों के साथ भारत सरकार ने एयर-बबल एग्रीमेंट किया हुआ है उनके रूट पर भी विमान सेवाएं बाधित रहेंगी।