देशद्रोह कानून: केंद्र सरकार से जवाब तलब, अब सुप्रीम कोर्ट में 5 मई को सुनवाई
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बुधवार को देशद्रोह कानून को खत्म करने के लिए दायर याचिकाओं पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से इस सप्ताह के अंत तक अपना जवाबी हलफनामा दाखिल करने को कहा है। विस्तृत सुनवाई के लिए मामले को 5 मई को सूचीबद्ध किया गया है।
भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हेमा कोहली की एक पीठ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 124 ए के तहत देशद्रोह के अपराध की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली दो रिट याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।
याचिकाएं क्रमशः सेवानिवृत्त सेना मेजर-जनरल एसजी वोम्बटकेरे और एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया द्वारा दायर की गई थीं।
भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने प्रस्तुती देते हुए कहा कि केंद्र सरकार का जवाबी हलफनामा तैयार है और दो दिनों के भीतर दायर किया जा सकता है। केंद्र को इस सप्ताह के अंत तक अपना हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देने के बाद पीठ ने मामले को अंतिम निपटान के लिए 5 मई को पोस्ट कर दिया। हलफनामे का जवाब अगले मंगलवार तक दाखिल किया जाना है।
पीठ ने कहा कि आगे कोई स्थगन नहीं दिया जाएगा। सीजेआई ने कहा, "हम 5 मई को सुनवाई करेंगे। कोई स्थगन नहीं, हम पूरे दिन की सुनवाई करेंगे।"