जयशंकर से मुलाकात के बाद सुरक्षा मंत्री टॉम ने की घोषणा

Update: 2023-08-12 03:50 GMT

 खालिस्तान समर्थक पर कार्रवाई करने को लेकर भारत का दबाव काम करता दिख रहा है। ब्रिटिश सरकार ने शुक्रवार को खालिस्तान समर्थकों के खिलाफ अपनी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए 95 हजार पौंड का एक फंड आवंटित किया है। यह हाल के वर्षों में किसी खास समूह के खिलाफ तैयारियों के लिए ब्रिटिश सरकार की तरफ से की गई अनोखी घोषणा है। उल्लेखनीय तथ्य यह है कि इसकी घोषणा भारत के दौरे पर आए ब्रिटेन के सुरक्षा मंत्री टाम टुगेंडहाट ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात के बाद की।

भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर आए टुगेंडहाट

ब्रिटिश सुरक्षा मंत्री की मुलाकात एनएसए अजीत डोभाल व देश की सुरक्षा एजेंसियों से भी अलग से मुलाकात हुई है। बताया गया है कि भारत की तरफ से खालिस्तान समर्थकों की तरफ से चलाए जा रहे भारत विरोधी गतिविधियों को लेकर ब्रिटेन के समक्ष मुद्दा फिर से विस्तार से उठाया गया है।

ब्रिटेन की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक सिक्योरिटी मंत्री टुगेंडहाट भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर आए हैं जहां वह भ्रष्टाचार के खिलाफ सहयोग पर जी-20 की बैठक में हिस्सा लेंगे। इस दौरान वह भारत सरकार के प्रतिनिधियों से द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग पर बातचीत भी करेंगे। उन्होंने विदेश मंत्री जयशंकर से मुलाकात की है और खालिस्तान समर्थक अलगाववादियों को रोकने की ब्रिटेन की क्षमता बढ़ाने के इंतजामों पर बात की है।

खालिस्तान समर्थक संगठनों के खिलाफ कार्रवाई

खालिस्तान समर्थक अलगाववादियों की तरफ से उत्पन्न चुनौतियों को समझने के लिए 95 हजार पौंड का निवेश किया जाएगा जिससे ब्रिटेन की क्षमता बढ़ेगी। भारत और ब्रिटेन के बीच पहले ही उग्रवाद के खिलाफ सहयोग को लेकर एक संयुक्त कार्य दल गठित है। ब्रिटेन के मंत्री नई दिल्ली में सीबीआइ कार्यालय भी जाएंगे जहां उनकी बच्चों के उत्पीड़न को रोकने को लेकर सहयोग पर विमर्श होगा।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इस बारे में कहा, हम काफी समय से ब्रिटेन से इस बात की मांग करते रहे हैं कि खालिस्तान समर्थक संगठनों के खिलाफ कार्रवाई हो क्योंकि उनकी तरफ से भारतीय उच्चायोग और वहां कार्यरत कर्मचारियों को लेकर खतरा पैदा किया गया है। विदेश मंत्री जयशंकर ने इस बारे में ब्रिटेन के मंत्री से बात की है और उन्हें बताया गया है कि किस तरह के कदम उठाये जा रहे हैं।

क्या सुरक्षा कदम उठाये जा रहे हैं इसको सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। हम लगातार उन तत्वों के खिलाफ कदम उठाने की मांग करते रहे हैं जो हिंसा का सहारा लेते हैं।

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