लद्दाख। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लेह जिले में धारा 144 लगा दी गई है। इस दौरान अगर कोई भी व्यक्ति कानून का उल्लंघन करते हुए पकड़ा जाएगा, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 2 दिन बाद 7 अप्रैल को लद्दाख के चांगथांग क्षेत्र में एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक बॉर्डर मार्च निकालने वाले थे लेकिन उसके पहले ही धारा 144 लगा दी गई। इसके पहले सोनम वांगचुक 21 दिनों की भूख हड़ताल पर थे, जो 27 मार्च को खत्म हुई है। सोनम वांगचुक के भूख हड़ताल खत्म करने के बाद महिलाओं के गुट ने 10 दिनों की भूख हड़ताल शुरू की है। इसके बाद युवा भी अनशन पर बैठेंगे। इससे पहले शुक्रवार को सोनम वांगचुक अनशन वाली जगह पर पहुंचे थे और कहा था कि प्रशासन की तरफ से आंदोलन करने वालों को डराने की कोशिश की जा रही है।
केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के जिला लेह में शुक्रवार को धारा 114 लागू कर दी गई है। लेह जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) संतोष सुखदेव ने इसे लेकर आदेश जारी किया है। लेह पुलिस ने बताया कि डीएम के आदेश का उल्लंघन करने पर कानून के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। डीएम द्वारा जारी आदेश में बताया गया है कि उन्हें विश्वसनीय जानकारी मिली है कि जिले में शांति और व्यवस्था के संभावित उल्लंघन की संभावना है। इस प्रकार, किसी भी गड़बड़ी को रोकने और मानव जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सीआरपीसी 1973 की धारा 144 लागू की गई है।
आदेश में जिला मजिस्ट्रेट की पूर्व लिखित मंजूरी के बिना जुलूस, रैलियां या मार्च के आयोजन पर रोक लगाया गया है। इसके अतिरिक्त लाउडस्पीकरों के उपयोग के लिए सक्षम प्राधिकारी से पूर्व अनुमति की आवश्यकता होगी। पूर्वानुमति के बिना सार्वजनिक समारोहों पर सख्ती से प्रतिबंध लगाया गया है। साथ ही लोगों को ऐसे बयान देने के प्रति आगाह किया गया है, जो सांप्रदायिक सद्भाव या सार्वजनिक शांति को बाधित कर सकते हैं, जिससे संभावित रूप से कानून और व्यवस्था की समस्याएं पैदा हो सकती हैं। सभी गतिविधियों में आदर्श आचार संहिता का अनुपालन एवं कानून का पालन अनिवार्य है। चूंकि आदेश को व्यक्तिगत रूप से तामील नहीं किया जा सकता, इसलिए इसे एकपक्षीय रूप से पारित किया जा रहा है। इस निर्देश के किसी भी उल्लंघन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। आदेश में कहा गया है कि सभी व्यक्तियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे आदर्श आचार संहिता का पालन करें और सभी गतिविधियां कानून के अनुसार हों। आदेश का कोई भी उल्लंघन करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।