कोरोना की दूसरी लहर ज्यादा खतरनाक, आंखों में इंफेक्शन और दस्त नया लक्षण, आईए एक नजर डाले

Update: 2021-04-12 10:04 GMT

नई दिल्ली. कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण से पूरे देश में कोहराम मचा है. कोरोना की दूसरी लहर (COVID-19 2nd Wave Symptoms) तो जंगल में आग की तरह फैल रही है. पिछले दो दिनों से हर रोज़ डेढ़ लाख से ज्यादा नए केस सामने आ रहे हैं. खास कर कोरोना के नए वेरिएंट ने तो हर तरफ तबाही मचा दी है. दुनिया में कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में भारत चौथे नंबर पर है. फिलहाल यहां एक करोड़ 30 लाख से ज्यादा एक्टिव केस है.

वैसे तो कोरोना वायरस संक्रमण के कुछ खास लक्षण हैं, जैसे- सूखी खांसी, बुखार, खाने का स्वाद न आना और किसी चीज़ की गंध न लगना. लेकिन कोरोना के नए वेरिएंट के कई अलग ही लक्ष्ण दिख रहे हैं. इसके अलावा कोरोना का नया रूप ज्यादा तेज़ी से फैल भी रहा है. आईए एक नजर डालते हैं कोरोना के नए वेरिेएंट के लक्षण पर...
कोरोना के नए वेरिएंट के लक्षण
>>कुछ अध्ययनों से पता चला है कि ये वायरस कुछ महत्वपूर्ण अंगों के साथ हमारे इम्यून सिस्टम को भी खराब कर देता है. इसलिए माना जा रहा है कि ये अधिक प्रभावशाली तरीकों से हमले कर रहा है.
>>कोरोना में बुखार न लगना आम बात है. लेकिन इस नए वेरिएंट में मरीज़ को काफी तेज़ बुखार आता है.
>>रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि नए वेरिएंट के कई और लक्षण भी हैं. मसलन बहरापन, मांसपेशियों में दर्द, त्वचा में संक्रमण, पेट खराब, और कंजक्टिवाइटिस यानी आखों में जलन
>>उजाला सिग्नस ग्रुप ऑफ़ हॉस्पिटल्स के संस्थापक और निदेशक डॉक्टर शुचिन बजाज ने बताया, 'आजकल, हम कोरोना के नए वेरिएंट के चलते कुछ नए लक्षण देख रहे हैं. जैसे कि बुखार, मांसपेशियों में दर्द, सूखी और लगातार खांसी, और स्वाद न लगना. इसके अलाव सिरदर्द, चकत्ते, पेट में गड़बड़ी, हाथ और पैर की उंगलियों के रंग बदलना शामिल है.'

क्या तेज़ी से फैल रहा है कोरोना का नया वेरिएंट?

>>कुछ अध्ययनों से पता चला है कि यूके वेरिएंट या केंट वेरिएंट B.1.1.7 काफी तेज़ी से फैल रहा है.

>>केंट वेरिएंट 70 फीसदी ज्यादा जानलेवा है. इस वेरिएंट के लक्षण तेज़ी से मरीजों में दिखते हैं.



क्या वैक्सीन का होगा असर?
अध्ययनों से पता चला है कि केंट के वेरिएंट पर वैक्सीन का ज्यादा असर नहीं दिख रहा है. पिछले दो महीने में आईसीएमआर को कोविड-19 के 192 वेरिएंट मिले हैं. नए वेरिएंट को देखते हुए वैक्सीन के कमपोजिशन में बदलाव किए जा रहे हैं. लेकिन 4-5 बदलाव में महीनों का समय लग सकता है.


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