नई दिल्ली (आईएएनएस)| लोक सभा सचिवालय ने अपने अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए आज दूसरा चिंतन शिविर प्रारंभ कर दिया। संसद भवन परिसर में गुरुवार को शुरू हुए इस दो दिवसीय चिंतन शिविर का समापन शुक्रवार को होगा।
इस दो दिवसीय चिंतन शिविर में शामिल होने के लिए 250 अधिकारियों को नामित किया गया है। इस चिंतन शिविर में, कार्यस्थल पर उत्पीड़न की रोकथाम, संसद भवन परिसर का सतत विकास, प्रोत्साहन और प्रेरणा के माध्यम से कार्य उत्पादकता में वृद्धि, कार्यालय में फीडबैक और जवाबदेही के लिए तंत्र, टीम वर्क के माध्यम से कार्य संस्कृति में सुधार, लोक सभा का पुनर्गठन - सांसदों को जानकारी देना, संगठनात्मक लक्ष्य, 'ऑन जॉब ट्रेनिंग' पर विशेष जोर देते हुए कौशल विकास, संसद भवन परिसर में कार्यरत एजेंसियों के साथ समन्वय और कार्यान्वयन हेतु विभिन्न कार्य योजनाओं पर चर्चा होगी। इस शिविर में लोक सभा में सॉफ्टवेयर या तकनीकी साधनों के उपयोग, अभिलेखों के डिजिटलीकरण में आ रही बाधाओं को हटाने और विभिन्न सॉफ्टवेयरों को अद्यतन करने और उन्हें एकीकृत करने पर भी चर्चा होने की उम्मीद है।
इस शिविर का उद्देश्य प्रशासनिक मुद्दों पर गहन चिंतन करने के साथ ही लोक सभा सचिवालय के अधिकारियों की ऊर्जा को नया आयाम देना है। इस चिंतन शिविर का उद्देश्य रचनात्मक और नई सोच को प्रोत्साहित करते हुए विभिन्न पदों पर कार्यरत पदाधिकारियों के बीच की दूरियों को कम करना और बंधुत्व एवं सौहार्द को बढ़ावा देना, प्रौद्योगिकी का अधिकाधिक उपयोग करना, लीक से हटकर समाधान सोचना, शासन में अधिक पारदर्शिता और निष्पक्षता लाना, लोक सभा सचिवालय की सेवाओं को ऊजार्वान और पेशेवर बनाना, सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना एवं एक -दूसरे से सीखना और ज्ञान का उन्नयन करना एवं नेतृत्व के गुण विकसित करना है।
आपको बता दें कि, इस तरह का पहला चिंतन शिविर 24 और 25 अप्रैल 2023 को संसद भवन परिसर में आयोजित किया गया था, जिसमें सचिवालय की विभिन्न सेवाओं के लगभग 250 अधिकारी शामिल हुए थे।