लगी मुहर: गैंगरेप और एसिड अटैक के दोषियों को सुनाई जाएगी मौत की सजा

Update: 2021-12-24 03:15 GMT

महाराष्ट्र में अब बेटियों पर एसिड फेंकने वालों और उनके साथ सामूहिक दुष्कर्म कर हत्या के दोषियों को मौत की सजा सुनाई जाएगी। विधानसभा के शीतकालीन सत्र में बृहस्पतिवार को शक्ति फौजदारी कानून पर मुहर लग गई। इसके तहत इस तरह के मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालत का गठन किया जाएगा।

गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने एक दिन पहले महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए आंध प्रदेश के दिशा कानून की तर्ज पर संशोधित शक्ति फौजदारी कानून विधेयक विधानसभा में पेश किया था, जिस पर बृहस्पतिवार को चर्चा हुई। नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने इसका स्वागत करते हुए कहा, महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, ऐसे में वर्तमान कानूनों को कठोर बनाने की आवश्यकता है। नई दिल्ली में निर्भया कांड के बाद आईपीसी और सीआरपीसी में दुष्कर्म, छेड़छाड़ की व्याख्या बदल गई है। उन्होंने कहा, समाज में महिलाओं का आदर सम्मान जरूरी है। माना जा रहा है कि विधानसभा में एकमत से विधेयक पारित होने के बाद विधान परिषद में भी इसे ध्वनिमत से मंजूरी मिल जाएगी।

कानून के मुख्य प्रावधान

दुष्कर्म के मामले में संबंधित अपराधी को मृत्युदंड या कठोर कारावास देने का प्रावधान।

अपराध की सूचना के 30 दिनों के भीतर जांच पूरी करनी होगी, यदि 30 दिन में जांच संभव नहीं है, तो पुलिस महानिरीक्षक या पुलिस आयुक्त को 30 दिनों का विस्तार मिलेगा।

यौन अपराध में अदालती सुनवाई 30 दिनों के भीतर पूरी करनी होगी।

इंटरनेट या मोबाइल टेलीफोन डाटा प्रदाता अगर पुलिस जांच के लिए जानकारी नहीं देता तो तीन महीने तक की जेल या 25 लाख रुपये जुर्माना या दोनों लगेंगे।

महिलाओं को फोन और अन्य डिजिटल माध्यमों से धमकाने वाले को सजा होगी। यह सजा पुरुषों, महिलाओं या तीसरे पक्ष को भी दी जा सकती है।

यौन अपराधों की झूठी शिकायत या जानबूझकर किसी व्यक्ति को इसके माध्यम से नुकसान पहुंचाता है तो उसे जमानत नहीं मिलेगी।

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