एसडीएम ने बाल विवाह रोकने के लिए सतर्कता बरतने के दिए निर्देश

Update: 2024-05-09 10:55 GMT
सिरोही। सिरोही बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम को लेकर मंगलवार सुबह 11.30 बजे उपखंड कार्यालय में एसडीएम शकुंतला चौधरी की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें बाल विवाह रोकने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए। बैठक में एसडीएम ने कहा कि 10 मई को अक्षय तृतीया और 23 मई को पीपल पूर्णिमा के अवसर पर अबूझ साव का शुभ मुहूर्त होने के कारण बाल विवाह की संभावना है। विवाह के लिए लड़के की आयु 21 वर्ष और लड़की की आयु 18 वर्ष होनी चाहिए। अधिकारियों ने सुझाव भी दिए और बाल विवाह रोकने के लिए तहसील कार्यालय में कंट्रोल रूम स्थापित करने के निर्देश दिए। इसका दूरभाष नंबर 02976-270649 है। एसडीएम ने सभी अधिकारियों को बाल विवाह से संबंधित शिकायत की तुरंत कंट्रोल रूम को सूचना देने के निर्देश दिए। नियंत्रण कक्ष में नियुक्त कार्मिक भी प्राप्त सूचना देंगे। एसडीएम या तहसीलदार को सूचना दी जाएगी। त्वरित कार्रवाई कर बाल विवाह को रोका जा सकेगा। एसडीएम ने कहा कि विवाह आयोजन के निमंत्रण पत्र में वर-वधू की जन्मतिथि लिखनी होगी।

इसके लिए उपखंड क्षेत्र में स्थित सभी प्रिंटिंग प्रेस मालिकों पर पाबंद करने के आदेश जारी करने के निर्देश दिए। बैठक में एसडीएम ने अधिकारियों से कहा कि जो अभिभावक अपनी बेटियों की शादी का खर्च वहन करने में सक्षम नहीं हैं और इस कारण बाल विवाह करवा देते हैं, उन्हें महिला एवं बाल विकास विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग सहित अन्य सरकारी योजनाओं की जानकारी दी जाएगी। बैठक में पंचायत समिति के विकास अधिकारी, तहसीलदार, नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी, जोधपुर विद्युत वितरण निगम के सहायक अभियंता, ब्लॉक मुख्य शिक्षा अधिकारी, जलदाय विभाग के कनिष्ठ अभियंता, महिला एवं बाल विकास अधिकारी व नायब तहसीलदार भी मौजूद थे। विवाह आयोजन में विभिन्न प्रकार की सेवाएं देने वाले तथा पंडित, पांडाल व टेंट लगाने वाले, हलवाई, बैंड बाजा आदि भी बाल विवाह में सहयोग नहीं करेंगे। बल्कि बाल विवाह होने की संभावना पर कार्यालय को सूचना देंगे। बैठक में विभिन्न विभागों, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग के ग्राम स्तरीय कार्मिकों को बाल विवाह रोकने के लिए प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए, साथ ही पटवारी, ग्राम विकास अधिकारी, अध्यापक, महिला अध्यापिका, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, जनप्रतिनिधि, सरपंच, वार्ड पंच, पार्षद को बाल विवाह का संदेह या सूचना मिलने पर नजदीकी पुलिस थाने एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी को सूचित करने के निर्देश दिए गए।
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