पुलिस और वकीलों के बीच हुई हाथापाई, बंदूक दिखाने पर हुआ विवाद

Update: 2022-07-17 01:57 GMT
यूपी। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के औरैया जनपद में सदर कोतवाली क्षेत्र के जिला न्यायालय में उस समय हड़कंप मच गया. जब वकील के बस्ते से किसी मामले में नामजद आरोपी को सिविल ड्रेस धारी पुलिस ने उठाने का प्रयास किया, और फिर उसके बाद पुलिस और वकीलों के बीच जमकर कहासुनी और हाथापाई हो गई. जिससे बौखलाए गुस्साए वकीलों ने पुलिसकर्मियों को वहीं बैठा लिया. वकीलों के इस रवैये की सूचना लगते ही मौके पर पहुंचे पुलिस के आला अधिकारियों ने जिला जज परिसर में न्याय अधिकारियों के समक्ष वार्तालाप के बाद मामला सुलझा दिया. दरअसल सदर औरैया (Auraiya) कोतवाली क्षेत्र के न्यायालय परिसर में अधिवक्ता के बस्ते पर बैठे एक आरोपी को अचानक 4 से 5 लोगों के द्वारा असलहे के बल पर उठाने का प्रयास किया गया.

जिस पर वकीलों ने आपत्ति जताई, तो सभी अज्ञात लोगों ने अपनी-अपनी पिस्टल निकाल ली और अधिवक्ता पर हमला कर दिया. अधिवक्ता पर हमले की सूचना पर सभी वकील एकत्र हो गए और आरोपियों को बंधक बनाकर बैठा लिया. बंधक बने आरोपियों ने जब इसकी सूचना अपने आला अधिकारियों को दी तो मौके पर पहुंचे आला अधिकारी और अधिवक्ताओं के मध्य वार्तालाप के बाद सभी को छोड़ा गया फिलहाल मामला शांत है.

वकील पर हमला किए जाने से आक्रोशित वकीलों का कहना था कि सुरक्षा व्यवस्था में लगे स्केनर और न्यायालय ड्यूटी की सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों के रहने के बावजूद भी जिस तरीके से सिविल ड्रेस धारी यह पुलिसकर्मी हथियार के साथ कचहरी परिसर में आ गए यह भी एक बहुत बड़ा सवाल है क्योंकि न्यायालय का आदेश है कि कोई भी यहां पर हथियार लेकर नहीं आएगा. केवल सुरक्षा व्यवस्था में लगी पुलिस ही यहां पर अस्त्र-शस्त्र रख सकती है ऐसे में अगर पुलिस स्वयं को ही न्यायालय और जज समझेंगी तब तो हो चुका न्यायालय का काम ? अगर पुलिसकर्मियों को न्यायालय के मान सम्मान का कुछ भी भान नहीं है तो यह न्यायालय के सम्मान की अवमानना है.

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