स्कूल प्रशासन ने बच्ची को निकाला, वजह जानकर मचा हड़कंप
शिकायत का संज्ञान लेते हुए मामले की जांच बीएसए को सौंप दी है.
अलीगढ़: अलीगढ़ के एक प्राइवेट स्कूल में हिंदी नहीं पढ़ाने के सवाल पर नर्सरी में पढ़ने वाली बच्ची को निकालने का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि बच्ची के पिता का गुनाह सिर्फ इतना था कि उन्होंने स्कूल प्रशासन से ये पूछ लिया कि स्कूल में हिंदी क्यों नहीं पढ़ाई जा रही है. बस फिर क्या था, सवाल से तिलमिलाए स्कूल प्रशासन ने बच्ची को निकाल दिया. जिसके बाद बच्ची के परिजनों ने डीएम कार्यालय में जाकर न्याय की गुहार लगाई है. डीएम इंद्र विक्रम सिंह ने शिकायत का संज्ञान लेते हुए मामले की जांच बीएसए को सौंप दी है.
अलीगढ़ के थाना क्वार्सी इलाके फोर्ट एल्कलेव, पंजीपुर गांव निवासी मोहम्मद आमिर ने बताया कि इसी साल उन्होंने अपनी बेटी का नज़दीकी 'इस्लामिक मिशन स्कूल', पंजीपुर में क्लास नर्सरी 2022-2023 में दाखिला कराया था. कुछ महीने बीत जाने के बाद भी उनकी बेटी को हिंदी ठीक से लिखनी नहीं आई. जिसके चलते वह अपनी बेटी व पत्नी के साथ स्कूल पहुंचे और वहां स्कूल में हिंदी न पढ़ाये जाने के संबंध जब शिकायत करते हुए पूछा. आरोप है कि स्कूल ने बदसलूकी करते हुए उनकी बेटी को स्कूल से निकाल दिया. उन्होंने यह भी आरोपी लगाया है कि स्कूल में राष्ट्रगान नहीं होता है और जब इस मामले की शिकायत प्रशासन से की गई तो मामले में फैसला करने का दबाव बनाया जा रहा है.
बेसिक शिक्षा अधिकारी सत्येंद्र कुमार ढाका ने जानकारी देते हुए बताया कि मामला जवां ब्लॉक से संबंधित है. क्षेत्र के खंड शिक्षा अधिकारी को जांच सौंपते हुए टीम गठित कर दी गई है. जांच के आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी. वहीं, स्कूल प्रशासन ने भी बच्ची को हिंदी न पढ़ाये जाने की बात मानते हुए अपनी सफाई पेश की है.
इस मामले पर जब इस्लामिक मिशन स्कूल के मैनेजर डॉ० कौनैन कौसर से बात की गई तो उन्होंने बच्ची को हिंदी न पढ़ाये जाने की बात कबूल करते हुए अपनी सफाई पेश की. उन्होंने कहा कि जो भी आरोप लगाए गए हैं, वे बेबुनियाद हैं. स्कूल में राष्ट्रगान होता है.