भोपाल (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश की सरकार ने घरेलू हिंसा से प्रभावित महिलाओं के संरक्षण के लिए बनाये गए कानून में पीड़िता के लिए व्यापक प्रावधान किया है। कई बार अपनों के हिंसात्मक व्यवहार से महिलाओं को स्थाई शारीरिक क्षति हो जाती है। राज्य सरकार ने घरेलू हिंसा पीड़िता के लिए सहायता योजना की शुरूआत की है। इस योजना के तहत अब महिला या बालिका को किसी अंग की स्थाई क्षति के फलस्वरूप 40 प्रतिशत से कम दिव्यांगता पर दो लाख तथा 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता पर चार लाख रुपये तक का मुआवजा दिया जाएगा। इस मुआवजे के लिए पीड़ित या उसके आश्रित की ओर से घटना के एक वर्ष के भीतर संबंधित क्षेत्र के महिला एवं बाल विकास के परियोजना अधिकारी (संरक्षण अधिकारी) अथवा प्रशासक वन स्टॉप सेंटर को आवेदन करना होगा।
सरकार द्वारा तय नियमों के मुताबिक, आवेदन के साथ घटना की एफआईआर प्रति संलग्न करना आवश्यक होगा। मेडिकल बोर्ड शारीरिक क्षति का आकलन कर कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति को प्रतिवेदन देगा, जिसके आधार पर समिति द्वारा मुआवजे की स्वीकृति दी जाएगी।