SC ने जारी किया केंद्र को नोटिस, विदेशों से MBBS की डिग्री लेकर आए भारतीय डॉक्टरों को मेडिकल सेवा देने की उठी मांग

विदेशों से एमबीबीएस की डिग्री लेकर आए भारतीय डॉक्टरों को कोविड काल में अपनी चिकित्सा सेवा देने की इजाजत

Update: 2021-06-01 10:55 GMT

विदेशों से एमबीबीएस की डिग्री लेकर आए भारतीय डॉक्टरों को कोविड काल में अपनी चिकित्सा सेवा देने की इजाजत देने के लिए दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया. जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की खंडपीठ ने इन याचिकाओं पर केन्द्र सरकार और मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) को नोटिस जारी किया

ये याचिकाएं इंडियन फॉरेन मेडिकल स्टूडेंट्स वेलफेयर एमसीआई गुरुकुल ट्रस्ट के साथ-साथ एसोसियेशन ऑफ एमडी फिजिशियंस ने दाखिल की हैं. याचिका में नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन यानी NBE के नियम में कम से कम एक बार अभी के लिए राहत देने की गुहार लगाई गई है, ताकि इस कोविड संकट के दौरान विदेशी मेडिकल कॉलेजों या विश्वविद्यालयों से चिकित्सा स्नातक की डिग्री हासिल कर लौटे डॉक्टर्स को देश की सेवा करने का मौका देने का रास्ता साफ हो सके.
याचिका में मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को आदेश दे कि 2020 के पासआउट विदेशी एमबीबीएस डॉक्टर्स को स्क्रीनिंग टेस्ट क्वालिफाइंग से पहले इंटर्नशिप करने की इजाजत दी जाए और परीक्षा बाद में भी कराए जाएं तो कम से कम कोविड के दौरान डॉक्टर्स अपनी सेवा तो दे सकें.
एफएमजीएस डॉक्टर्स को चिकित्सा बेड़े में शामिल करने की मांग
डॉक्टर्स को उस इम्तिहान में ग्रेस मार्क देकर 130-35 के प्राप्तांक पर भी उत्तीर्ण किया जाए ताकि देश के मेडिकल कॉलेज या विदेशी मेडिकल कॉलेजों से उत्तीर्ण भारतीय छात्रों के साथ दशकों से हो रहे भेदभाव को खत्म किया जा सके. अभी नेपाल सहित कुछ ही देशों से पास आउट छात्रों को ही इंटर्नशिप में रियायत मिलती है. याचिका में मांग की गई है कि एफएमजीएस डॉक्टर्स को इस संकट काल में सेवा का मौका देने के लिए सरकार इनको भी चिकित्सा बेड़े में शामिल करे.
विदेशों में एमबीबीएस की डिग्री पूरी नहीं करने वाले छात्रों का मामला
वहीं, अन्य देशों से एमबीबीएस की डिग्री पूरी नहीं करने वाले मेडिकल छात्रों के लिए पीजी परीक्षा में प्रवेश पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की. इस संबंध में सुप्रीस कोर्ट ने केंद्र और मेडिकल काउंसिल को नोटिस जारी किया. सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि परीक्षाएं आयोजित की जा रही हैं. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर स्क्रीनिंग परीक्षा हो रही है तो इन लोगों को परीक्षा देनी चाहिए. हम आपको छूट नहीं दे सकते. याचिका में उन छात्रों के लिए एकमुश्त छूट और रियायत की मांग की गई है, जिन्होंने दूसरे देशों से एमबीबीएस की पढ़ाई की है, लेकिन लॉकडाउन के कारण अपनी इंटर्नशिप अवधि पूरी नहीं कर पाई है.
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