SC ने हाईकोर्ट में अस्थायी जज नियुक्त करने के दिए निर्देश

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Update: 2025-01-22 02:07 GMT

दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उच्च न्यायालयों में लंबित मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब समय आ गया है कि उच्च न्यायालयों में अस्थायी जजों की नियुक्ति की जाए। ये जज स्थायी जज की अध्यक्षता वाली बेंच में शामिल होकर अपराध से संबंधित अपीलों का निपटारा करेंगे। इसके लिए संविधान के अनुच्छेद 224A का संदर्भ लिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश संजीव खन्ना, न्यायधीश बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालयों में अपराध से संबंधित अपीलों का निस्तारण पर्याप्त नहीं हो पा रहा है। जजों के बीच मामलों का निस्तारण अत्यधिक बढ़ चुका है। उन्होंने 2021 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले में संशोधन की आवश्यकता की बात की है ताकि उच्च न्यायालयों में अस्थायी जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके।

अत्यधिक लंबित मामलों के कारण कई अपराधी सजा भुगतने के बाद भी अपनी अपीलों पर फैसले का इंतजार कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले भी इन मामलों की लंबित स्थिति पर चिंता जताई थी। अलीगढ़ हाईकोर्ट में 2000 से 2021 के बीच अपराधिक मामले से जुड़े अपीलों पर फैसला सुनाने की गति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आंकड़े प्रस्तुत किए। इसके अनुसार एक नई अपील पर फैसला सुनाने में औसतन 35 साल लगते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 21 साल में 1.7 लाख अपीलें दायर की गईं जबकि केवल 31,000 मामलों पर ही फैसला सुनाया गया।

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