नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के शोध में पता चला है कि कोरोना की तीसरी लहर के अंत की शुरुआत इसी हफ्ते हो जाएगी। रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई में सात जनवरी को कोरोना से जुड़े मामले अपने शिखर पर थे। इसके दो से तीन हफ्ते के भीतर देश में भी इसका पीक आ जाएगा।
एसबीआई रिसर्च के मुताबिक, देश में टीकाकरण की तेजी गति की बदौलत कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर ज्यादा लंबी नहीं खिंची है। वहीं ये भी बताया गया है कि ओमीक्रोन के पांव पसारने से पिछले एक सप्ताह में भारत की कारोबारी गतिविधियों मामूली गिरावट दर्ज की गई है। मंगलवार को जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में 29 दिसंबर 2021 से कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने लगे।
मुंबई में सात जनवरी के बाद से नए मामले घट रहे हैं। यहां 20,971 तक रोजाना नए मामलों की संख्या पहुंची थी। हालांकि पुणे, बेंगलुरु जैसे शहरों में इजाफा देखने को मिल रहा है। ऐसे में अगर बाकी जिलों में कोरोना से निपटने के लिए सख्त कदम उठाए जाते हैं तो मुंबई के पीक के 2-3 हफ्ते के बाद देश में इसका उच्चतम स्तर देखने को मिल सकता है।
सोमवार तक प्रतिदिन सामने आए नए मामलों की संख्या 238938 (पिछले सात दिन का औसत) रही। इससे सक्रिय मामले 1656341 तक पहुंच गए हैं। लेकिन, ध्यान भारत ने अपनी पात्र आबादी के 64 प्रतिशत को पूरी तरह से टीकाकृत कर दिया है। वहीं, 89 प्रतिशत ने कम से कम टीके की एक खुराक अवश्य ले ली है।
आंकड़ों के मुताबिक, मौजूदा समय में टीकाकरण के सात दिन का औसत लगभग 70 लाख है। एसबीआई का कारोबारी इंडेक्स इस वर्ष 10 जनवरी को 109 था, जो 17 जनवरी को घटकर 101 रह गया है। यह पिछले वर्ष 15 नवंबर के बाद न्यूनतम स्तर है। इस लहर के प्रसार से पिछले एक सप्ताह में सब्जियों की आवक और राजस्व संग्रह का इडेंक्स भी गिरा है।
रिपोर्ट के अनुसार, देश में 15-18 आयु वर्ग के 3.45 करोड़ किशोरों को कोरोना का टीका वहीं 44 लाख लोगों एहतियाती खुराक दी जा चुकी है। साथ ही जनवरी 2022 में कुल टीकाकरण में ग्रामीण टीकाकरण का हिस्सा बढ़कर 83 प्रतिशत हो गया, जो दर्शाता है कि मौजूदा लहर में ग्रामीण आबादी को काफी हद तक संरक्षित किया गया है।
रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि देश में पाए जा रहे नए मामलों में ग्रामीण जिलों की कुल हिस्सेदारी जनवरी में बढ़कर 32.6 प्रतिशत हो गई जबकि दिसंबर 2021 में यह सबसे कम 14.4 प्रतिशत थी। नए मामलों में ग्रामीण क्षेत्रों का हिस्सा आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, बिहार, जम्मू-कश्मीर, ओडिशा और राजस्थान राज्यों में अधिक है।
एसबीआई रिसर्च के अनुसार, आंध्र प्रदेश, दिल्ली, गुजरात, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और उत्तराखंड ने पहले ही अपनी पात्र आबादी के 70 प्रतिशत से अधिक को कोरोना का दूसरा टीका लगा दिया है। इस मामले में पंजाब, उत्तर प्रदेश और झारखंड अभी भी पिछड़ रहे हैं। इन राज्यों में टीकाकरण की गति तेज करने की आवश्यकता है।