सांवरिया सेठ व सिंगोली श्याम पदयात्रा देवली से रवाना, 12 को चढ़ाई जाएगी ध्वजा

Update: 2023-09-05 11:54 GMT
टोंक। टोंक देवली से श्री सांवरिया सेठ समिति की ओर से सोमवार को शहर से आठवीं सांवरिया सेठ और सिंगोली श्याम पदयात्रा धूमधाम के साथ रवाना हुई। इससे पहले बावड़ी बालाजी मंदिर परिसर में सभी श्रद्धालु एकत्रित हुए और पूजा अर्चना कर पदयात्रा के सफलता की कामना की। यह पदयात्रा 12 सितंबर को 11:15 बजे मंदिर पर ध्वज अर्पित करेंगी। पदयात्रा समिति के मुख्य व्यवस्था पर ओमप्रकाश माहेश्वरी ने बताया कि इस दौरान पदयात्रा में पहली बार समिति की ओर से बनाए गए नए सांवलिया रथ का उपयोग किया गया। ध्वजवाहक के साथ रवाना हुई पदयात्रा का शहर में करीब आधा दर्जन से अधिक जगहों पर लोगों ने पुष्प वर्षा व जलपान, फलाहार कराकर स्वागत किया गया। उन्होंने बताया कि पदयात्रा का पहला विश्राम पड़ाव सोमवार की रात को जहाजपुर है। पदयात्रा में करीब डेढ़ सौ से अधिक पदयात्रा शामिल हैं। जबकि पदयात्रा सांवरिया के पहुंचने तक तक करीब 700 से 800 पदयात्रा हो जाएंगे। इसमें अमरगढ़ व आसपास के क्षेत्र से भी सैकड़ो श्रद्धालु पर यात्रा में जुटेंगे। इससे पहले श्री कृष्ण जन्माष्टमी सिंगोली शाम में मनाई जाएगी।
इस मौके पर माहेश्वरी समाज के जिलाध्यक्ष सत्यनारायण माहेश्वरी, वाइस चेयरमैन सौरभ जिंदल, पार्षद भीमराज जैन, सत्यनारायण सरसड़ी, रामनिवास मीणा, चांदमल जैन, भागचंद आगीवाल, राधेश्याम मालू समेत ने पदयात्रा को हरी झंडी दिखाई तथा सभी पदयात्रियों को शुभकामनाएं दी। पदयात्रा समिति अध्यक्ष रघुवीर सिंह शक्तावत, महामंत्री भंवरलाल सेन, डॉ. मनीष अरोड़ा, कुंदन राजावत, टीकम जैन, समेत कई पदाधिकारी मौजूद थे। इसी तरह दूसरी ओर देवली से जाने वाली सांवरिया सेठ की पदयात्रा धूमधाम के साथ रवाना हुई। जगह-जगह पर पुष्प वर्षा की गई। इसमें भगवान सांवरिया की झांकी भी चल रही थी। टोंक शहर में स्थित बड़ा तख्ता जैन मंदिर में चल रहे 64 रिद्धि विधान की पूजा के तहत भगवान को अर्घ्य समर्पित किए गए। पवन कंटान ने बताया कि 64 विधान का समापन बुधवार को होगा। उन्होंने बताया कि विधान अलग-अलग परिवारों की ओर से आयोजित किए जा रहे है। शनिवार को पदमपुर पदयात्रा संघ (सम्मेद शिखरजी) की ओर से पूजा अर्चना करके 100 अर्घ्य भगवान के समक्ष बाल ब्रह्मचारी विनोद भैया व विधान संयोजक संयोजक पारस सर्राफ के सानिध्य में समर्पित किए गए। कमल सर्राफ ने बताया कि 4 जुलाई से शुरू हुए 64 रिद्धि विधान का समापन 6 सितंबर को कई कार्यक्रमों के साथ होगा। इससे पूर्व श्रद्धालुओं ने सुबह अभिषेक, शांतिधारा के बाद चौबीसों भगवान, आचार्य, मुनि, व आर्यिका के अर्घ्य समर्पित किए। भजनों पर रानी कंटान, पदमा, ममता, मनीषा फागी, अर्चना, सुनीता, संगीता, मधु आदि महिलाओं ने भक्ति नृत्य किया।
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