नई दिल्ली: 'मोदी सरकार की हर योजना नाकाम हो रही है. दस लाख नौकरी देने का वादा करके अब अग्निपथ..अग्निपथ..अग्निपथ (Agnipath Scheme) की योजना लाई गई है. सेना को ठेकेदारी का गुलाम बनाने की योजना कैसे सफल हो सकती है? ठेकेदारी पर गुलामों को रखा जाता है. जो अनुशासित फौज है. उसे ठेके पर नहीं रखा जा सकता. यह भारतीय सेना का अपमान है. पूरे देश में आग लगी है. अब यह आग और भड़केगी.' इन शब्दों में शिवसेना सांसद संजय राउत (Sanjay Raut Shiv Sena) ने केंद्र की अग्निपथ योजना की आलोचना की है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले (Nana Patole Maharashtra Congress President) ने भी अग्निपथ योजना को भारत की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ बताया है.
संजय राउत ने आज (18 जून, शुक्रवार) मीडिया से बातचीत में कहा, 'मोदी सरकार ने अब 10 लाख 20 लाख नौकरियां देने की घोषणा की है. इससे पहले भी 2 करोड़ 10 करोड़ नौकरियां देने की घोषणी की गई थी. अगर सैन्य भर्तियां ठेकेदारी पद्धति से की जान लगी तो भारतीय सेना की प्रतिष्ठा रसातल में चली जाएगी. '
नाना पटोले ने कहा, 'देश की सुरक्षा से जुड़े मामले में इस तरह से भर्ती नहीं की जानी चाहिए. केंद्र सरकार ने ना सिर्फ युवाओं का मजाक बनाया है, बल्कि देश की सुरक्षा का भी मजाक बनाया है. आखिर इस योजना का नाम अग्निपथ क्यों दिया गया. युवाओं को आग में धकेलना था, इसलिए इसका नाम अग्निपथ रखा गया है क्या?' नाना पटोले ने ये आज पत्रकारों से बातचीत में कहा.
संजय राउत और नाना पटोले को आज बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने जवाब दिया. चंद्रकांत पाटील ने कहा, ' सेना में भर्ती होने वाले युवा वो होते हैं जो देश की सुरक्षा का मकसद लेकर चलते हैं. देश की संपत्ति जलाने का मकसद लेकर नहीं. केंद्र सरकार ने दस लाख नौकरियां देने का वादा किया था. सरकार उस वादे को पूरा कर रही है. जो युवा इस स्कीम का विरोध कर रहे हैं, वे अपने पैरों पर ही कुल्हाड़ी मार रहे हैं. युवाओं को यह पता होना चाहिए कि केंद्र सरकार की अग्निपथ स्कीम पहले से चली आ रही नौकरी को खत्म करके नहीं दी जा रही है. अग्निपथ स्कीम के तहत नौकरी अलग से दी जा रही है. मूल सेवा शर्तों वाली सैन्य नोकरियों की शर्तों को नहीं छेड़ा गया है.'