संजय राउत ने कहा- अयोध्या मामले की जांच CBI, ईडी से कराएं मोदी, कहा-केवल विपक्षी नेताओं के पीछे मत लगाएं एजेंसियां

उत्तरप्रदेश के अयोध्या में चल रहे राम मंदिर निर्माण कार्य के बीच राम जन्मभूमि ट्रस्ट पर लगे

Update: 2021-06-27 17:55 GMT

उत्तरप्रदेश के अयोध्या में चल रहे राम मंदिर निर्माण कार्य के बीच राम जन्मभूमि ट्रस्ट पर लगे जमीन विवाद के आरोपों को लेकर राजनीति तेज हो गई है। विपक्षी पार्टियां जमीन विवाद की जांच करने की मांग कर रही है। इसी मुद्दे को लेकर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी केवल विपक्षी नेताओं के पीछे ही केंद्रीय एजेंसियों को ना लगाएं बल्कि अयोध्या जमीन विवाद की जांच भी सीबीआई और ईडी से कराएं।

शिवसेना नेता संजय राउत ने अपने लिखे एक लेख में कहा है कि सत्ताधारी पार्टियां विपक्षी नेताओं के खिलाफ एजेंसियों का इस्तेमाल करती है लेकिन जब वह सत्ता से बाहर हो जाती है तो एजेंसियां भी परेशान करना बंद कर देती है। अपने लेख में उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह का भी जिक्र किया। संजय राउत ने लिखा कि पहले अमित शाह के खिलाफ सीबीआई द्वारा केस दर्ज किया गया था और उनको लंबे समय तक जमानत नहीं दी गई थी। लेकिन सत्ता में आते ही सीबीआई द्वारा परेशान करना बंद कर दिया गया।
आगे अपने लेख में संजय राउत ने अयोध्या जमीन विवाद को लेकर कहा कि इसमें बीजेपी नेता ऋषिकेश उपाध्याय का नाम भी सामने आया है इसलिए कोई जांच नहीं हुई और ना ही पूछताछ हुई। संजय राउत ने अयोध्या जमीन विवाद की जांच सीबीआई और ईडी से कराए जाने की मांग की। संजय राउत ने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि के निर्माण कार्य में बड़ा घोटाला सामने आया है इसलिए इसकी जांच सीबीआई और ईडी जैसी संस्थाओं से कराया जाना चाहिए।
बता दें कि अयोध्या में भाजपा के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय के भतीजे दीप नारायण पर अयोध्या की 890 वर्ग मी. नाजुल जमीन (सरकार द्वारा किराए पर दी गई जमीन) फरवरी में 20 लाख रुपए में खरीदने और इसे मंदिर ट्रस्ट को मई में 2.5 करोड़ रुपए में बेचने का आरोप है। स्थानीय प्रशासन का भी मानना है कि नाजुल जमीन पर कोई लेन-देन अवैध है।इसके अलावा दूसरे जमीन विवाद में सुल्तान अंसारी और रवि मोहन तिवारी द्वारा 2 करोड़ रुपए की कीमत वाली एक जमीन ख़रीदे जाने के थोड़े ही देर बाद उस जमीन को 18.5 करोड़ में राम मंदिर के ट्रस्टी चंपत राय को बेचे जाने का आरोप है। इस जमीन खरीद में राम जन्मभूमि ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा और अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय भी गवाह बने थे। इस विवाद में अयोध्या के मेयर का नाम शामिल होने के कारण विपक्षी पार्टियां लगातार भाजपा पर हमलावर है और इसकी जांच की मांग कर रही है।
Tags:    

Similar News

-->