सैम पित्रौदा के नए बयान से मचा बवाल, अब रॉबर्ट वाड्रा भड़के

बयान को 'बकवास' करार दिया है.

Update: 2024-05-09 07:01 GMT
नई दिल्ली: इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के पूर्व चेयरमैन सैम पित्रोदा के रंगभेद वाले बयान से घमासान मचा हुआ है.सैम ने अंग्रेज़ी अख़बार को दिए इंटरव्यू में पश्चिम में रहने वालों की तुलना अरब, उत्तर भारत के लोगों की तुलना गोरों, दक्षिण भारत में रहने वालों की तुलना अफ्रीका और पूर्व में रहने वाले लोगों की तुलना चीन में रहने वाले लोगों से की थी.
बयान ने तूल पकड़ा तो तुरंत पित्रोदा को इस्तीफा देना पड़ा. अब पित्रोदा के बयान पर रॉबर्ट वाड्रा की प्रतिक्रिया सामने आई है और उन्होंने पित्रोदा के बयान को 'बकवास' करार दिया है. वाड्रा ने कहा, 'जब आप इस परिवार (गांधी) से जुड़े जाते हैं, तो बड़ी ताकत के साथ बड़ी जिम्मेदारी भी आती है, आपको कोई भी कदम उठाने से पहले सोचना पड़ता है. सैम पित्रोदा ने जो कहा है, उससे मैं बिल्कुल सहमत नहीं हूं.' मिस्टर सैम पित्रोदा ने जो भी बकवास की है..बकवास ही की है, कोई आदमी जो इतना पढ़ा लिखा है वो कैसे ऐसा बोल सकता है? वो राजीव जी के बहुत करीबी थे..'
वाड्रा ने आगे कहा,'अगर आपको इस परिवार के साथ जुड़ने का मौका मिला है तो आपको फिर समझदारी से कदम लेने चाहिए. समझदारी होने चाहिए. राहुल प्रियंका और कांग्रेस इतनी मेहनत कर रहे हैं और आपके एक बयान से बीजेपी को अनावश्यक मुद्दे उठाने का मौका मिल गया...'
खुद का उदाहरण देते हुए रॉबर्ट वाड्रा ने कहा, 'मैं राजनीति में ही हूं, क्योंकि हर आदमी मुझे राजनीतिक तरीके से ही देखता है.हमेशा देखता है कि जो सवाल-जवाब होगें वो राहुल गांधी से संबंधित होते हैं. लोग उम्मीद करते हैं कि आपके कहने से हर चीज हो जाएगी और आप ओओगे तो हर चीज हो जाएगी. जब से मेरा नाता जुड़ा है तो सबसे मुझे इसी तरह से देखा है, कोई उद्योगपति की तरह नहीं देखा है. उन्होंने देखा है कि मैं एक राजनेता हूं...'
विवादित बयानबाजी के बाद बुरी तरह घिरे सैम पित्रोदा को बाद में इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा. इसकी जानकारी खुद पार्टी के नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दी है. उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, "सैम पित्रोदा ने अपनी मर्ज़ी से इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है. कांग्रेस अध्यक्ष ने उनका इस्तीफ़ा स्वीकार कर लिया है."
वीडियो में सैम पित्रोदा कहते हैं कि भारत एक अत्यंत विविधता भरा देश है, जहां पूर्वी भारत में रहने वाले लोग चीन के लोगों जैसे, पश्चिम में रहने वाले अरब जैसे, उत्तर भारत में रहने वाले श्वेतों की तरह और दक्षिण में रहने वाले अफ्रीकी लोगों की तरह दिखते हैं. लेकिन इससे फर्क नहीं पड़ता. हम सभी भाई-बहनें हैं. उन्होंने कहा कि हम अलग-अलग भाषाओं, धर्मों और रीति-रिवाजों का सम्मान करते हैं. ये वही भारत है, जिस पर मेरा भरोसा है, जहां हर किसी का सम्मान है और हर कोई थोड़ा-बहुत समझौता करता है.
बुधवार को तेलंगाना के वारंगल में एक रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने सैम के बयान को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा. पीएम मोदी ने कहा कि भारतीयों की त्वचा के रंग संबंधी कथित नस्ली टिप्पणी को लेकर विपक्षी पार्टी पर निशाना साधा और जोर देकर कहा कि देशवासी त्वचा के रंग के आधार पर अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे.
पीएम मोदी ने कहा, 'शहजादे के दार्शनिक और मार्गदर्शक ने एक बड़ा राज खोला है। उन्होंने कहा कि जिनकी त्वचा का रंग सांवला है, वे सभी अफ्रीका के हैं... मैं आज गुस्से में हूं/ अगर कोई मुझे गाली देता है तो मुझे गुस्सा नहीं आता. मैं बर्दाश्त कर सकता हूं लेकिन शहजादे के दार्शनिक ने इतनी बड़ी गाली दे दी, जिससे मुझे गुस्सा आ गया है.क्या मेरे देश में त्वचा के रंग के आधार पर लोगों की क्षमता तय होगी?'
इससे पहले सैम पित्रोदा के विरासत टैक्स को दिए बयान पर विवाद हो गया था. उन्होंने ये बयान राहुल गांधी की उस टिप्पणी के जवाब में दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर कांग्रेस सरकार में आई तो एक सर्वे कराया जाएगा और पता लगाया जाएगा कि किसके पास कितनी संपत्ति है. उनके इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए पित्रोदा ने अमेरिका में लगने वाले विरासत टैक्स का जिक्र किया था.
पित्रोदा ने कहा था कि अमेरिका में विरासत टैक्स लगता है. अगर किसी शख्स के पास 10 करोड़ डॉलर की संपत्ति है. उसके मरने के बाद 45 फीसदी संपत्ति उसके बच्चों को ट्रांसफर हो जाती है जबकि 55 फीसदी संपत्ति पर सरकार का मालिकाना हक हो जाता है.उन्होंने कहा था कि ये बहुत ही रोचक कानून है. इसके तहत प्रावधान है कि आपने अपने जीवन में खूब संपत्ति बनाई है और आपके जाने के बाद आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए. पूरी संपत्ति नहीं बल्कि आधी, जो मुझे सही लगता है. लेकिन भारत में ऐसा कोई कानून नहीं है. यहां अगर किसी के पास 10 अरब रुपये की संपत्ति है.
उसके मरने के बाद उनके बच्चों को सारी की सारी संपत्ति मिल जाती है, जनता के लिए कुछ नहीं बचता. मुझे लगता है कि इस तरह के मुद्दों पर लोगों को चर्चा करनी चाहिए. मुझे नहीं पता कि इस चर्चा का निचोड़ क्या निकलेगा. हम नई नीतियों और नए प्रोग्राम की बात कर रहे हैं, जो लोगों के हित में हो ना कि सिर्फ अमीरों के हित में हो. मालूम हो कि पित्रोदा के इस बयान पर खूब विवाद हुआ था.
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