जांबाजों को सलाम: बर्फ में ड्यूटी दे रहे जवान, है दुनिया का खतरनाक युद्धस्थल, देखें नजारा

पारा माइनस 32 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच रहा है.

Update: 2022-12-27 06:06 GMT

न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

नई दिल्ली: दुनिया का सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र (World's Highest Battlefield) है सियाचिन ग्लेशियर (Siachen Glacier). फिलहाल सियाचिन में दिन का तापमान माइनस 21 डिग्री सेल्सियस है. जबकि रात में पारा माइनस 32 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच रहा है. ऐसे में हमारे वीर जवान मौसम से जंग लड़ते हुए सीमा की सुरक्षा में लगे हैं. राजपुताना राइफल्स ने एक ट्वीट किया है, जिसमें हमारे जवानों की एक टुकड़ी सियाचिन के पहाड़ों पर गश्त करती दिख रही है.
वीडियो में दिख रहा है कई मोटी बर्फ जिसमें पैर रखते ही जांघ तक बर्फ आ रही है. उसमें एक लाइन से जवान चल रहे हैं. ऊंचाई पर बर्फीली तेज हवा चल रही है. लेकिन हमारे जवानों के कदम को डिगा नहीं पा रही है. आप इस वीडियो में देखेंगे कि कैसे एकदूसरे का साथ देते हुए हमारे जवान चल रहे हैं. संतुलन बिगड़ता है लेकिन फिर चल उठते हैं.
सियाचिन को 1984 में मिलिट्री बेस बनाया गया था. तब से लेकर 2015 तक 873 सैनिक सिर्फ खराब मौसम के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं. सियाचिन देश के उन कुछ गिने-चुने इलाकों में से एक है जहां न तो आसानी से पहुंच सकते हैं. न ही दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध मैदान में जाना हर किसी के बस की बात नहीं.
सियाचिन ग्‍लेशियर पर स्थित भारतीय सीमा की रक्षा के लिए 3 हजार सैनिक हमेशा तैनात रहते हैं. इन तीन हजार जवानों की सुरक्षा भी बेहद जरूरी है. भारत सरकार सियाचिन पर मौजूद जवानों हर दिन करीब 5 करोड़ रुपये खर्च करती है. इसमें सैनिकों की वर्दी, जूते और स्लीपिंग बैग्स भी शामिल होते हैं.
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