सदगुरु बोले- दिवाली पर बच्चों को पटाखे फोड़ने से न रोकें, प्रदूषण कम करना है तो 3 दिन कार ड्राइव ना करें-पैदल ऑफिस जाएं

Update: 2021-11-03 09:45 GMT

फाइल फोटो 

नई दिल्ली. ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु जग्गी वासुदेव (Sadhguru Jaggi Vasudev) ने दिवाली (Diwali 2021) के मौके पर पटाखे फोड़ने पर बैन (Ban on Crackers) का विरोध किया है. सद्गुरु ने साथ ही पटाखे फोड़ने से होने वाले वायु प्रदूषण (Air Pollution) को कम करने का सिंपल फॉर्मूला भी दिया है. धार्मिक गुरु ने ट्विटर पर कहा, 'वायु प्रदूषण की चिंता कोई ऐसा कारण नहीं है कि बच्चों को पटाखे फोड़ने की खुशी से वंचित किया जाए. अगर आप उनके लिए कुछ करना चाहते हैं तो तीन दिन पैदल अपने ऑफिस जाएं. बच्चों को पटाखों का आनंद लेने दें.'

वहीं सद्गुरु ने दिवाली के मौके पर सभी को शुभकामनाएं दीं और कहा कि इस दिवाली अपनी मानवीयता को पूरे गौरव से रोशन करें. सद्गुरु ने कहा, 'संकट के समय में, जो आपको अंधेरे में ढकेल सकता है, आनंद, प्रेम और चेतना से चमक उठना महत्वपूर्ण है. इस दीवाली पर अपनी मानवता को अपनी पूरी गरिमा में उजागर कीजिए. प्रेम व आशीर्वाद.'
इससे पहले सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की स्पेशल बेंच ने कहा कि पटाखों पर पूरी तरह प्रतिबंध संभव नहीं है और कोर्ट ने कोलकाता हाईकोर्ट के पूर्ण प्रतिबंध वाले फैसले को 'कठोर' करार दिया था. बेंच ने कहा था कि पटाखों में हानिकारक केमिकल्स के उपयोग को रोकने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए.
बढ़ते प्रदूषण और सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के कारण बाजार में पटाखे नहीं मिलने सहित कई कारणों से इस दिवाली पर प्रत्येक तीन में से दो परिवारों की पटाखे फोड़ने की कोई योजना नहीं है. एक सामुदायिक सोशल मीडिया मंच द्वारा कराए गए सर्वेक्षण में यह निष्कर्ष निकला है. लोकलसर्किल्स द्वारा किए गए सर्वेक्षण से पता चला है कि लगभग 42 प्रतिशत परिवार दिवाली पर पटाखा फोड़ने पर किसी ना किसी तरह के प्रतिबंध के पक्ष में हैं, जबकि 53 प्रतिशत परिवारों ने कहा कि वे किसी भी प्रतिबंध का समर्थन नहीं करते.
इसके अलावा, ऐसे दूसरे लोग भी हैं जो अपनी आजीविका खोने के कारण वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं, जिनकी संख्या लगभग दो से तीन प्रतिशत है. सर्वेक्षण के अनुसार, 'पटाखों की बात करें तो कुल मिलाकर तीन में से दो परिवार इस दिवाली पर पटाखे नहीं फोड़ेंगे.' 
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