पूर्व सीएम ने कहा, आज कुर्सी के लिए किस तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं. एक-दूसरे पर तीर चलाये जा रहे हैं. लोगों के मुख में राम, बगल में छुरी है. वसुंधरा ने आगे कहा, भरत ने बड़े भाई राम की चरण पादुकाओं को सिंहासन पर रखकर ही शासन चलाया, लेकिन खुद सिंहासन से दूर रहे. एक उस समय का दोनों भाइयों का त्याग देखिए और आज राजस्थान में दो लोगों में सिंहासन के लिए जो संघर्ष हो रहा है, वह देखिए.
बता दें कि राजस्थान में 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद से ही अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सत्ता को लेकर संघर्ष चल रहा है. कुछ समय पहले ये घमासान उस वक्त और तेज हो गया था, जब पायलट ने वसुंधरा राजे सरकार में कथित भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई की मांग को लेकर एक दिन का अनशन किया था. इसके बाद सचिन पायलट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीधे तौर पर नाम लेकर अशोक गहलोत पर निशाना साधा था. इतना ही नहीं उन्होंने भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई की मांग को लेकर 5 दिन की पदयात्रा भी की थी. इसे उनके शक्ति प्रदर्शन के तौर पर भी माना गया था.