नई दिल्ली: देश के विभिन्न हिस्सों से पिछले कुछ दिनों में हिंसक घटनाओं के अलग-अलग मामले सामने आए हैं. इनको लेकर AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने हिंदूवादी संगठनों को निशाना बनाया है. हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने आरोप लगाया कि हिंदूवादी संगठनों ने अलग-अलग जगह हिंसा की और उनको पुलिस ने उकसाया या फिर हिंसा में साथ भी दिया.
असदुद्दीन ओवैसी ने अपने ट्वीट्स में राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, बिहार, उत्तर प्रदेश और गोवा का जिक्र किया. ओवैसी ने ट्वीट में इन राज्यों के उन इलाकों का जिक्र किया जो पिछले दिनों हिंसक घटनाओं को लेकर चर्चा में रहे. इसमें से कुछ मामले रामनवमी यानी 10 अप्रैल के भी हैं.
ओवैसी ने किन जगहों की हिंसा का जिक्र किया?
असदुद्दीन ओवैसी ने राजस्थान के करौली का जिक्र किया. वहां डीजे पर बजते गानों-नारेबाजी से भड़के लोगों ने पथराव कर दिया था, जिससे हिंसा भड़क गई थी.
जानकारी सामने आई थी कि 2 अप्रैल की शाम 4 बजे कलेक्ट्रेट सर्किल से रैली में शामिल करीब 200 बाइकों पर सवार 400 लोग रवाना हुए थे. रैली के आगे पिकअप में डीजे में गाने बज रहे थे, जबकि प्रशासन ने डीजे व लाउडस्पीकर का इस्तेमाल न करने की शर्त पर ही रैली की अनुमति दी थी.
डीजीपी ने बताया था कि रैली जब अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्र से गुजर रही थी तब रैली में शामिल लोगों ने नारेबाजी शुरू कर दी. इसी के बाद आस-पास के मकानों व दुकानों से रैली में शामिल लोगों व पुलिस पर भारी पथराव शुरू हो गया. करीब 100-150 व्यक्तियों ने लाठी व डंडे लेकर हमला कर दिया.
आगजनी व तोड़फोड़ से दोनों पक्षों के करीब 80 से अधिक व्यक्तिों की सम्पत्ति को नुकसान हुआ. इस वजह से राजस्थान के कई शहरों में धारा 144 लागू की गई थी.
रामनवमी पर सबसे ज्यादा हिंसा के मामले
वहीं गुजरात के आणंद में रविवार को VHP की रामनवमी यात्रा पर पथराव हुआ था, पुलिस की गाड़ियों को भी वहां फूंक दिया गया था. इसके साथ-साथ साबरकांठा में भी बवाल हुआ था. हिंसा में एक की मौत भी हुई है.
इसी तरह रामनवमी पर ही मध्य प्रदेश के खरगोन में शोभा यात्रा पर हमला हुआ था. वहां डीजे पर आपत्ति थी. इसके बाद हिंसा में ट्रांसफार्मरों और गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया गया था.
गोवा के इस्लामपुर में भी रामनवमी पर हिंसा की खबर है, जिसके बाद वहां संप्रदायिक तनाव बढ़ा है.
वहीं कर्नाटक के धारावाड़ से 9 अप्रैल को एक वीडियो सामने आया था. इसमें कथित रूप से मुस्लिम फल विक्रेता को मंदिर के सामने फल बेचने से रोका गया और ठेला भी तोड़ा गया. इसका आरोप श्री राम सेना के सदस्यों पर लगा था. जिसपर जमकर राजनीति हुई.
इन तमाम घटनाओं को लेकर ओवैसी ने हिंदूवादी संगठनों पर निशाना साधा है.