जेल में बवाल: कैदियों ने बंदी रक्षकों पर घात लगाकर किया पथराव, मचाया उत्पात
बलिया जिला कारागार बुधवार शाम एक बार फिर अशांत हो उठा।
बलिया जिला कारागार बुधवार शाम एक बार फिर अशांत हो उठा। रूटीन चेकिंग के दौरान कैदियों और बंदियों ने बंदी रक्षकों पर हमला बोल दिया। इस दौरान कैदियों ने जमकर पथराव किया। इस घटना में कुछ बंदी रक्षक घायल भी हो गए। हालांकि सूचना पर पहुंची पुलिस ने बल प्रयोग कर हालात को काबू में कर लिया। घटना की सूचना पाकर मौके पर डीएम और एसपी भी पहुंच गए और हालात का जायजा लिया।
जानकारी के अनुसार किसी बात को लेकर कुछ कैदियों द्वारा की जा रही गोलबंदी और मनमानी को लेकर पूर्व जेल प्रशासन द्वारा कैदियों को चेतावनी दी गई थी। बुधवार की शाम जेल प्रशासन शासन के निर्देशानुसार बैरकों की रूटीन चेकिंग कर रहा तभी कुछ कैदियों ने इसका विरोध शुरू कर दिया।
तब जेल के अधिकारियों ने उन्हें समझा-बुझाकर शांत करा दिया। लेकिन जैसे ही जेल के अधिकारी बैरैकों से वापस लौटे, कैदियों ने गोलबंदी कर कुछ बंदी रक्षकों को घेर लिया और उन पर पथराव शुरू कर दिया। अचानक हुए इस हमले से बंदी रक्षक सकते में आ गए और उन्होंने भागकर अपनी जान बचाई और घटना की सूचना उच्चाधिकारियों को दी।
हालात गंभीर देख जेल के अधिकारियों ने मामले से जिला प्रशासन को अवगत कराया। बंदियों द्वारा जेल में उत्पात मचाए जाने और पथराव की सूचना पाकर पुलिस हरकत में आई और उच्चाधिकारियों के साथ मौके पर दो गाड़ी पीएसी के साथ कई थानों की फोर्स पहुंच गई। जिला कारागार के अंदर कैदियों के बवाल के दौरान जेल के अंदर से लेकर बाहर तक भारी संख्या में फोर्स तैनात कर दी गई थी।
इसके अलावा जिलाधिकारी अदिति सिंह, पुलिस अधीक्षक डॉ. विपिन ताडा, अपर पुलिस अधीक्षक संजय कुमार, सीओ सिटी, कोतवाल समेत कई थानों की फोर्स के साथ ही पीएसी के जवानों ने घंटे भर अथक प्रयास के बाद कैदियों पर काबू पाया।जिसके बाद जेल प्रशासन ने राहत की सांस ली।
बलिया जिला जेल के जेलर अंजनी गुप्ता ने कहा कि रूटीन जांच के दौरान कुछ कैदियों द्वारा इसका विरोध किया गया था। तब समझाने पर कैदी मान गए थे, लेकिन घात लगाकर कुछ कैदियों ने अचानक पथराव शुरू कर दिया। इसकी जानकारी पुलिस और जिले के आला अधिकारियों को दी गई। अब हालात नियंत्रण में है।
सख्ती बरतने से नाराज हुए कैदी
बलिया जिला कारागार में निरूद्ध कैदियों द्वारा या पहला बवाल नहीं है। जब भी कोई नया जेल अधीक्षक स्थानांतरित होकर आता है और सख्ती बरतने की कवायद शुरू करता है। कैदी तुरंत कोई न कोई बहाना लेकर हंगामा शुरू कर देते हैं। उनका मकसद होता है की जेल में जैसा पहले से चल रहा है वैसा चलता रहे। सख्ती न बरती जाए। जेल प्रशासन व सिविल पुलिस के सख्ती के कारण उन्हें बौना साबित होना पड़ता है।
जैसे ही नवागत जेल अधीक्षक यूपी मिश्रा ललितपुर से स्थानांतरित होकर जिला कारागार बलिया आए और अंदर से पैसे देकर फोन करने वालों पर सख्ती बरतनी शुरू की। पीसीओ से बात करने का आदेश जारी किया है। तब से कैदी अपनी गोपनीयता भंग होने की बात कह कर बुधवार की शाम हंगामा शुरू कर दिया।
जिला कारागार में पहले भी हो चुके हैं बवाल
बलिया जिला कारागार में कैदियों की ओर से बवाल करने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई बार बवाल हो चुके हैं। जिला कारागार में 13 जून 2020 को दो कैदी किसी बात को लेकर आपस में भिड़ गए थे। मामला इतना तूल पकड़ा कि दोनों पक्ष के समर्थक दूसरे पर ईंट-पत्थर चलाने लगे। विवाद की खबर लगते ही जेल प्रशासन हरकत में आ गया और तत्परता
दिखाते हुए हालात पर काबू पाया था। इसके पहले भी जेल में कई बार बवाल हो चुके हैं।