नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के अनुसार अपने सोशल मीडिया अकाउंट की डिस्प्ले फोटो को तिरंगे से नहीं बदलने के लिए कांग्रेस द्वारा की जा रही आलोचना और किए जा रहे सवाल का जवाब दिया है। आरएसएस ने कहा कि संगठन ने पहले ही हर घर तिरंगा और आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रमों को अपना समर्थन दिया है।
आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि संघ ने जुलाई में सरकारी, निजी निकायों और संघ से जुड़े संगठनों के कार्यक्रमों में लोगों और स्वयंसेवकों से पूर्ण समर्थन और भागीदारी की अपील की थी।
केंद्र का हर घर तिरंगा भाजपा और कांग्रेस के बीच एक नया मुद्दा बन गया है। कांग्रेस नेताओं ने बुधवार को अपनी सोशल मीडिया अकाउंट की प्रोफाइल फोटो को जवाहर लाल नेहरू की राष्ट्रीय ध्वज लहराते हुए तस्वीर से बदल दिया। राहुल गांधी ने आरएसएस पर कटाक्ष किया और ट्वीट कर कहा कि लोग 'हर घर तिरंगा' अभियान चला रहे हैं, वे "राष्ट्र-विरोधी" संगठन से आए हैं, जिन्होंने 52 साल तक तिरंगा नहीं फहराया।
सुनील अंबेडकर ने कहा कि जो पार्टी यह सवाल उठा रही है वह देश के विभाजन के लिए जिम्मेदार है। साथ ही उन्होंने इस तरह के मुद्दों को सियासत से दूर रखे की सलाह दी।
उन्होंने कहा कि आरएसएस पहले ही लोगों और स्वयंसेवकों से 'आजादी का अमृत महोत्सव' को उत्साह के साथ मनाने के लिए कह चुका है और तैयारी जारी है। उन्होंने आरोप लगाया, "यह संघ की स्थिति है और इसे राजनीतिक मुद्दा बनाना गलत है। इस तरह के तीखे सवाल नहीं होने चाहिए। इस तरह के सवाल उठाने वाली पार्टी देश के विभाजन के लिए जिम्मेदार है।"
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने गुरुवार को आरएसएस के ट्विटर हैंडल और मोहन भागवत के स्क्रीनशॉट को ट्वीट किया जिसमें दिखाया गया है कि उन्होंने अपनी डिस्प्ले तस्वीरों पर तिरंगा नहीं लगाया है।