लखनऊ (आईएएनएस)| राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के अवध प्रांत प्रचार प्रमुख अशोक कुमार दुबे ने एक प्रमुख समाचार पत्र के कार्यकारी निदेशक और कई समाचार प्रकाशनों और चैनलों के पत्रकारों के खिलाफ अयोध्या में 100 एकड़ से अधिक में बनने वाले नए आरएसएस मुख्यालय के बारे में उनकी रिपोर्ट के लिए आईपीसी 153 ए (समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और अन्य प्रासंगिक आरोपों के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई है। लखनऊ के हजरतगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी है। अपनी शिकायत में, दुबे ने आरोप लगाया कि आरोपी व्यक्तियों ने 14 फरवरी को एक रिपोर्ट प्रकाशित कर जानबूझकर आरएसएस की छवि खराब की है।
यह रिपोर्ट भी एक न्यूज चैनल ने प्रसारित की थी। दुबे ने कहा कि यह निराधार और काल्पनिक तथ्यों पर आधारित शरारतपूर्ण तरीके से तैयार की गई काल्पनिक खबर है और आरएसएस की ओर से खंडन जारी किया गया है।
उन्होंने प्राथमिकी में यह भी कहा है कि फर्जी समाचार खबरों ने पाठकों को गलत तरीके से विश्वास करने के लिए गुमराह किया है कि आरएसएस परम वैभव का अपना रास्ता खो चुका है और अब राज्य के साथ मिलीभगत कर अयोध्या में 100 एकड़ की अचल संपत्ति हासिल करना चाहता है।
जबकि तथ्य यह है कि पिछले कई वर्षों से आरएसएस का कार्यालय साकेत निलयम अयोध्या में है। दुबे ने आरोप लगाया कि ऐसा प्रतीत होता है कि एक प्रेरित साजिश के तहत, पूरे तथ्यों से अवगत होने के बावजूद मीडिया रिपोटरें का उद्देश्य फर्जी समाचार प्रकाशित कर आरएसएस की सद्भावना और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना था।
हजरतगंज के सहायक पुलिस आयुक्त अरविंद कुमार वर्मा ने कहा कि आरोपी समाचार संगठनों के पत्रकारों और एक कार्यकारी निदेशक के खिलाफ आईपीसी 153 ए (समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), आईपीसी 505 (शरारत करने वाले बयान) और आईटी अधिनियम की धारा 66 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। उन्होंने कहा, हमारी जांच जारी है और जल्द ही आरोपियों के बयान लिए जाएंगे।