RPN SINGH: आरपीएन सिंह बीजेपी में शामिल, कांग्रेस के दिग्गज नेता और मनमोहन सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे अब खिलाएंगे कमल

Update: 2022-01-25 09:24 GMT

नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के करीबी आरपीएन सिंह (RPN Singh) ने कांग्रेस (Congress) से इस्तीफा देकर बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली है. सूत्रों के मुताबिक, आरपीएन सिंह बीजेपी या उनकी पत्नी (BJP) के टिकट पर पडरौना (Padrauna) सीट से स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के खिलाफ चुनाव लड़ सकते हैं. 



कौन है आरपीएन सिंह?

कांग्रेस के दिग्गज नेता और मनमोहन सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे आरपीएन सिंह आज बीजेपी में शामिल होने जा रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि बीजेपी आरपीएन सिंह को स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ कुशीनगर की पडरौना सीट से उतारने की तैयारी में है. आरपीएन सिंह कभी राहुल गांधी की टीम का हिस्सा रहे हैं. झारखंड विधानसभा चुनाव के वक्त कांग्रेस ने उन्हें प्रभारी बनाया था.
आरपीएन सिंह का पूरा नाम कुंवर रतनजीत प्रताप नारायण सिंह है. इन्हें पडरौना में राजा साहेब और भैया जी कहा जाता है. आरपीएन सिंह का जन्म 25 अप्रैल 1964 को पडरौना के राजपरिवार में हुआ था. पडरौना को लेकर माना जाता है कि ये वही जगह है जहां गौतम बुद्ध ने आखिरी बार भोजन किया था.
आरपीएन सिंह के पिता सीपीएन सिंह (CPN Singh) को राजनीति में इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) लेकर आई थीं. सीपीएन सिंह कुशीनगर से लोकसभा सांसद थे. वो 1980 में इंदिरा गांधी की सरकार में रक्षा राज्यमंत्री भी रहे थे. सीपीएन सिंह के राजनीतिक कद का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इमरजेंसी के बाद 1980 के लोकसभा चुनाव का प्रचार इंदिरा गांधी ने पडरौना से ही शुरू किया था. इस चुनावी रैली का आयोजन सीपीएन सिंह ने ही करवाया था.
आरपीएन सिंह के बारे में कहा जाता है कि वो एक औसत विद्यार्थी थे. आरपीएन ने अपनी स्कूली पढ़ाई देहरादून के दून स्कूल से की. ये एक बोर्डिंग स्कूल है. ये वही स्कूल है जहां से राजीव गांधी, राहुल गांधी, नवीन पटनायक जैसी शख्सियतों ने पढ़ाई की है.
1982 में उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफन्स कॉलेज में एडमिशन लिया. यहां से उन्होंने हिस्ट्री में बीए की डिग्री हासिल की. इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए आरपीएन सिंह अमेरिका चले गए. हालांकि, इस दौरान उनके पिता का निधन हो गया. इस कारण वो पढ़ाई छोड़कर घर लौट आए.
पिता के निधन के बाद सारी जिम्मेदारी आरपीएन सिंह पर आ गई. उन पर राजनीति में शामिल होने का दबाव भी बनने लगा. इसके बाद 1990 में उन्होंने सक्रिय राजनीति में कदम रखा और कांग्रेस में शामिल हो गए.
उन्होंने 1993 में पहली बार पडरौना विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा लेकिन हार गए. इसके बाद 1996, 2002 और 2007 में लगातार तीन बार पडरौना से चुनाव जीते. इस दौरान उन्होंने लोकसभा चुनाव में भी किस्मत आजमाई लेकिन हार गए.
2009 के लोकसभा चुनाव में आरपीएन कुशीनगर सीट जीतने में कामयाब रहे. उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य को 21 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया था. स्वामी प्रसाद मौर्य उस समय बहुजन समाज पार्टी में थे.
पहली बार लोकसभा चुनाव जीतने के बाद आरपीएन सिंह मनमोहन सिंह की सरकार में केंद्रीय मंत्री बनाए गए. वो सड़क परिवहन मंत्री और पेट्रोलियम मंत्री रहे. 2014 और 2019 में भी आरपीएन यहां से चुनाव लड़े लेकिन दोनों बार हार गए.
आरपीएन सिंह ने 2002 में पत्रकार सोनिया सिंह से शादी की. आरपीएन और सोनिया की तीन बेटियां हैं. आरपीएन सिंह पडरौना में ही अपने राजमहल में रहते हैं. बताया जाता है कि ये महल 1911 के आसपास बना था. 2019 के लोकसभा चुनाव के वक्त दाखिल हलफनामे के मुताबिक, आरपीएन सिंह के पास 29.54 करोड़ रुपये की संपत्ति है.
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