रोप-वे पर हुए हादसे का मामला: जम्मू में भी पर्यटकों के मन में डर, जानिए JAMMU रोप-वे प्रोजेक्ट कितना सुरक्षित

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Update: 2022-04-13 13:49 GMT

देवघर: झारखंड के देवघर में त्रिकुट पहाड़ पर बने रोप-वे पर हुए हादसे के बाद गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित राज्यों के लिए एडवाइजरी जारी की है. इसमें रोप-वे परियोजनाओं की सुरक्षा को ऑडिट करने के लिए कहा गया है. इतना ही नहीं, गृह मंत्रालय ने राज्यों से सुरक्षा ऑडिट करने के लिए अनुभवी और योग्य फर्मों को शामिल करने के लिए कहा है.

इतना ही नहीं रोप-वे संचालकों को उनके द्वारा किए जा रहे रखरखाव कार्य और अन्य गतिविधियों का रिकॉर्ड रखने के लिए भी कहा गया है. केंद्र ने एसओपी के सख्त पालन का निर्देश दिया है. इसी बीच इंडिया टुडे की टीम जम्मू रोप-वे प्रोजेक्ट पर सुरक्षा का रियलिटी टेस्ट करने पहुंची.
ये प्रोजेक्ट जम्मू के तीन प्रमुख मंदिरों बावे वाली माता मंदिर, महामाया मंदिर और पीरखो जामवंत गुफा को जोड़ता है. मंदिरों की नगरी में 1600 मीटर से अधिक लंबी केबल कार परियोजना पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केंद्र भी है.
हालांकि, झारखंड में रोप-वे हादसे के बाद जम्मू रोप-वे पर भी पर्यटकों की संख्या में कमी आई है. झारखंड में हुए हादसे ने जम्मू में भी लोगों के मन में डर पैदा कर दिया है. हालांकि, प्रशासन ने पर्यटकों को भरोसा दिलाया है कि चिंता की कोई बात नहीं है. रोप-वे पर सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं.
जम्मू केबल कार प्रोजेक्ट के मैनेजर राकेश भट्ट ने कहा, सुरक्षा ऑडिट हर तय समय में की जाती है. उन्होंने कहा, रखरखाव का काम भी समय समय पर किया जाता है. इंडिया टुडे ने कंट्रोल रूम में पहुंचकर केबल कार कैसा काम करता है, इसे भी समझने की कोशिश की. इजीनियर इरफान हक ने कहा, सुरक्षा के कई उपाय किए गए हैं और केबल कार को बहुत ही प्रोफेशनली चलाया चलाया जाता है.
उन्होंने कहा कि हर सुबह सभी उपकरणों की जांच की जाती है, उसके बाद ही केबल कार सेवा शुरू होती है. उन्होंने कहा, इसे लेकर रोजाना रिपोर्ट भी तैयार की जाती है. सभी रिकॉर्ड को दर्ज किया जाता है.
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