थाना प्रभारी रूपा तिर्की केस: हाईकोर्ट ने जांच CBI को सौंपने का दिया आदेश, मर्डर या सुसाइड इससे उठेगा पर्दा
साहिबगंज की बहुचर्चित महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की की मौत की जांच का जिम्मा झारखंड हाईकोर्ट ने सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया है. अदालत ने रूपा तिर्की के पिता की याचिका पर ये फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई (CBI) से करवाने का आदेश दिया है. इस मामले में मंगलवार को सुनवाई पूरी हो गई थी.
इसी साल मई में रूपा तिर्की की संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी. एसआईटी ने इसे आत्महत्या करार दिया था. जिसके बाद रूपा के पिता देवानंद ऊरांव ने साहिबगंज पुलिस की रिपोर्ट को मानने से इनकार करते हुए हाईकोर्ट में सीबीआई जांच के लिए याचिका दायर की थी. उनके पिता के अलावा और भी सामाजिक संगठनों ने हाईकोर्ट में सीबीआई जांच की मांग की गुहार लगाई थी.
3 मई 2021 को साहिबगंज की महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की साहिबगंज के पुलिस लाइन स्थित अपने सरकारी क्वार्टर में फंदे पर लटकी मिली थीं. साहिबगंज पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए 5 सदस्यीय एसआईटी का गठन किया था. इस मामले में जांच के बाद रूपा तिर्की की मौत को आत्महत्या बताया गया था. आत्महत्या का कारण रूपा तिर्की के प्रेमी उसके बैचमेट सब इंस्पेक्टर शिव कुमार कनौजिया को जो कि चाईबासा पुलिस बल में कार्यरत था उसे माना गया था.
एसआईटी की जांच में ये दावा किया गया था कि शिव कुमार कनौजिया रूपा तिर्की को तरह-तरह से मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा था. शादी का झांसा देकर उसका दिल तोड़ा था, जिससे आहत होकर भावना में आकर रूपा ने फंदे से लटक कर आत्महत्या कर ली थी. लेकिन, रूपा की मां पद्मावती का दावा है कि उनकी बेटी का जिस अवस्था में शव बरामद किया गया, उससे साफ जाहिर है कि उसकी हत्या की गई.
मंगलवार को हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील राजीव कुमार और सॉलिसिटर जनरल आमने-सामने आ गए, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एकडवोकेट कपिल सिब्बल को उतरना पड़ा. दरअसल, वकील राजीव कुमार ने हाईकोर्ट से सॉलिसिटर जनरल और एडिशनल सॉलिसिटर जनरल पर अवमानना का मुकदमा चलाने की याचिका दायर की. जिसके बाद कपिल सिब्बल बीच में आए और उन्होंने अदालत से कहा कि सॉलिसिटर जनरल ने अवमानना नहीं की है. उन्होंने अवमानना याचिका को निरस्त करने की मांग की थी, जिसके बाद कोर्ट ने इस पर विचार करने की बात कही.