लखनऊ (आईएएनएस)| उत्तर की प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डॉलर बनाने के लिए एक्सप्रेसवे के बाद अब सड़कों पर फोकस किया है। इसके लिए सभी मंडल मुख्यालयों को रिंग रोड और बाई पास से, सभी जिला मुख्यालयों को राजधानी लखनऊ से चार लेन मार्ग से जोड़ा जाएगा। हालांकि इससे पहले सड़कों के किनारे विकास की पूरी कार्य योजना तैयार की जाएगी, ताकि यहां स्थानीय स्तर पर उद्योग लग सकें और रोजगार सृजन हो। प्रदेश में सहारनपुर, मुरादाबाद, बरेली, अलीगढ़, देवी पाटन मंडल गोंडा, आजमगढ़, प्रयागराज, मिर्जापुर और झांसी मंडल मुख्यालय में कुछ दूरी तक सड़कों का निर्माण हुआ है। शेष सड़कों का निर्माण कर इन्हें रिंग रोड या बाई पास से जोड़ने की योजना है।
इस बाबत सीएम योगी ने हाल ही में हुई पीडब्ल्यूडी की बैठक में अधिकारियों को निर्देशित किया है कि शहरों में बनने वाले रिंग रोड और बाई पास के निर्माण से पहले सड़कों के किनारे विकास कार्यो की पूरी रूपरेखा तैयार करें। भविष्य की जरूरतों को देखते हुए भूमि अधिग्रहित की जाए और इसके लिए लैंड पूलिंग योजना का भी लाभ लोगों को दिया जाए। सीएम योगी का मानना है कि इन सड़कों के किनारे किसानों के लिए मंडी, टाउनशिप, बस अड्डे, औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के अलावा अन्य विकास कार्य कराए जा सकते हैं। इससे शहरों का सुनियोजित विकास होगा और सड़कें निवेश का जरिया बनेंगी।
योगी सरकार इन 11 मंडलों में रिंग रोड और बाई पास का निर्माण के साथ उसके किनारे विकास भी कराएगी। इसके लिए पीडब्ल्यूडी विभाग की ओर से कंसल्टेंट का चयन किया जाएगा। कंसल्टेंट की ओर से ही शहरों की भविष्य की जरूरतों को देखते हुए कार्य योजना बनाई जाएगी। रिंग रोड और बाई पास के निर्माण से इन शहरों में जाम की समस्या से भी निजात मिलेगी।
पीडब्ल्यूडी ने राजधानी लखनऊ से चार लेन कनेक्टिविटी से वंचित 25 जिलों को फोर लेन से जोड़ने की भी तैयारी की है। इसमें बिजनौर, हाथरस, पीलीभीत, फरु खाबाद, औरैया, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, सिद्धार्थनगर, महराजगंज, कुशीनगर, बलिया, हमीरपुर, महोबा, बांदा, फतेहपुर, अमेठी, प्रतापगढ़, कौशांबी, चित्रकूट, प्रयागराज, संत रविदास नगर, मिर्जापुर और सोनभद्र शामिल हैं।