किसानों के धरने से सड़क बंद: सुप्रीम कोर्ट सख्त, केंद्र और राज्य सरकारों से पूछा ये सवाल
किसान आंदोलन के चलते सड़कें बंद होने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह इस समस्या का कोई हल निकाले। नोएडा एक शख्स की ओर से दायर याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह बात कही। याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि नोएडा से दिल्ली को जोड़ने वाली सड़कें किसान आंदोलन के चलते बंद हैं और इसकी वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इन सड़कों को खोला जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि आखिर अब तक सड़कें बंद क्यों हैं। प्रदर्शन करने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन सड़कें ब्लॉक नहीं होनी चाहिए।
इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार और तीन संबंधित राज्य सरकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अदालत ने केंद्र और राज्य सरकारों से कहा कि वे समन्वय स्थापित करें और रोड ब्लॉक को खत्म कराने का प्रयास करें। अर्जी की सुनवाई के दौरान जस्टिस कौल ने कहा, 'समाधान केंद्र सरकार और संबंधित राज्यों के हाथ में है। किसी भी कारण से सड़कों को बंद नहीं किया जाना चाहिए।' इस मसले के समाधान के लिए केंद्र सरकार को समय दिया जाता है। वह इस मसले का समाधान करे और हमें रिपोर्ट सौंपे।
अदालत ने केंद्र सरकार को एक तरफ समाधान तलाशने की सलाह दी तो वहीं किसान आंदोलन को लेकर भी नसीहत दी। कोर्ट ने कहा कि किसानों के पास आंदोलन का अधिकार है, लेकिन वे इसके लिए सड़कें नहीं बंद कर सकतीं। वे कहीं और भी आंदोलन कर सकते हैं। नोएडा की रहने वालीं मोनिका अग्रवाल ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा था कि नोएडा से दिल्ली का जो रास्ता महज 20 मिनट का ही था, अब उसमें दो घंटे से ज्यादा का वक्त लग रहा है। यह संकट खत्म होना चाहिए। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि किसानों के मसले का समाधान किसी और तरीके से हो सकता है। लेकिन आम लोगों को इस तरह से परेशानी नहीं होनी चाहिए।