भारत में इजरायली राजनयिक पर हमले का बदला! जानें इजरायल की खूफिया एजेंसी मोसाद ने क्या किया?

Update: 2022-05-25 06:26 GMT

नई दिल्ली: मोटरसाइकिल पर सवार अज्ञात बंदूकधारियों ने ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के कुद्स फोर्स के एक वरिष्ठ सदस्य हसन सैय्यद खोदयारी की रविवार को तेहरान में उसके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी। कहा जा रहा है कि यह हत्या इजरायल की खूफिया एजेंसी मोसाद ने कराई है। जिसने दिल्ली में अपने राजनयिक पर हुए हमले का बदला लिया है। इजरायल और साथ ही ईरानी मीडिया दोनों ने अपनी रिपोर्ट ने दावा किया है कि हसन सैय्यद खोदयारी 2012 में दिल्ली में एक इजरायली राजनयिक पर हुए हमले का कथित मास्टरमाइंड था।

चाणक्यपुरी में एक बाइक सवार हमलावर की पहचान होशंग अफसर ईरानी के रूप में हुई थी, जिसने राजनयिक के वाहन पर आईईडी स्टिक लगाई थी। अपने बच्चों को लेने जा रही राजनयिक की पत्नी ताल येहोशुआ कोरेन गंभीर रूप से घायल हो गईं थीं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कर्नल हसन एक दिन बाद थाइलैंड में हुए सिलसिलेवार हमले के लिए भी जिम्‍मेदार था।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने मंगलवार को कहा कि ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने उस समय अपनी जांच में प्रमुख रूप से चार लोगों को शामिल किया था और इसमें चार ईरानी नागरिकों - होशंग अफसर ईरानी, सैयद अली महदियांसद्र, मोहम्मद रजा अबोलघसेमी और मसूद सेदाघाटजादेह के नाम सामने आए थे।
"ईरान इंटरनेशनल" की एक रिपोर्ट के अनुसार, खोदयारी कुद्स फोर्स की अत्यधिक गोपनीय यूनिट 840 में काम करता था और वह इस दौरान इजरायलियों के खिलाफ आतंकवादी हमलों के लिए लोगों की भर्ती करता था। सरकारी मीडिया ने कहा कि राजधानी के मध्य में दो हमलावरों ने कर्नल हसन सैयाद खोदयारी को उस समय पांच गोलियां मार दीं जब वह अपनी कार में था।
एक "यूरोपीय सुरक्षा अधिकारी" का हवाला देते हुए, ईरान के विरोधी गुटों से जुड़े समाचार मीडिया आउटलेट ने दावा किया कि खोडायरी, एशिया, यूरोप और अफ्रीका सहित तीन महाद्वीपों में इजरायल के खिलाफ कई आतंकवादी अभियानों में शामिल था। उसने 13 फरवरी, 2012 को दिल्ली में भी हमले को अंजाम दिया था।
इसी तरह के बम विस्फोटों का प्रयास जॉर्जिया, थाईलैंड और मलेशिया में लगभग एक ही समय में किया गया था। एक सूत्र ने कहा, "मलेशिया में पकड़े गए व्यक्ति ने ईरान में भारतीय दूतावास से वीजा के लिए आवेदन किया था। उसने वीजा फॉर्म पर अपने संपर्क नंबर का उल्लेख किया था और यह नंबर एक भारतीय नंबर के संपर्क में पाया गया था।"
भारतीय नंबर का इस्तेमाल ईरानी नागरिक ईरानी द्वारा किया जा रहा था। खबर में कहा गया, "ईरानी दिल्ली में बॉम्बर था। उसने जमीनी कार्य के लिए हमले से महीनों पहले अप्रैल और मई 2013 के बीच भारत का दौरा किया था। वह जनवरी में लौटा, 13 फरवरी को हमले को अंजाम दिया और उसी दिन देश से बाहर उड़ान भरी।"
ईरानी करोल बाग स्थित होटल हाई 5 लैंड के कमरा नंबर 305 में रह रहा था। फोरेंसिक अधिकारियों को उस कमरे की छत में आईईडी स्टिक बनाने में प्रयुक्त सामग्री के निशान मिले थे। थाईलैंड में रिपोर्ट की गई घटना में, संदिग्धों में से एक सईद मोरादी को उसके किराए के आवास में एक आकस्मिक विस्फोट में गंभीर रूप से घायल होने के बाद पकड़ा गया था। मोरादी को दोषी ठहराया गया था, लेकिन नवंबर 2020 में ईरान में ऑस्ट्रेलियाई-ब्रिटिश कैदी काइली मूर-गिल्बर्ट के बदले मुक्त कर दिया गया था।
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