रिटायर्ड शिक्षक ने अपने ही नाबालिग भतीजी को बनाया हवस का शिकार, भड़के लोग
आरोपी को जूते-चप्पल की माला पहनाई और पूरे गांव में घुमाया.
चाईबासा: झारखंड के चाईबासा से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. एक रिटायर्ड शिक्षक ने अपने ही नाबालिग भतीजी से दुष्कर्म किया. यह घटना तब सामने आई, जब वह आठ महीने की गर्भवती हो गई. लड़की की आपबीती सुनकर गांव में गुस्सा फूट पड़ा. इसके बाद लोगों ने आरोपी चाचा को जूते-चप्पल की माला पहनाई और पूरे गांव में घुमाया.
मामला चक्रधरपुर के गोपीनाथपुर पंचायत का है. यहां रहने वाले 65 साल के टीचर ने अपनी 17 साल की भतीजी को घर का काम करने के लिए रखा था. इसके लिए वह अपनी भतीजी को पैसे भी देता था. चाचा के घर काम करने के बाद भतीजी अपने घर वापस चली जाती थी. इसी बीच रविवार 19 मई की सुबह भतीजी अपने घर में अचानक बेहोश होकर गिर पड़ी.
लड़की के परिवार को समझ नहीं आ रहा था कि लड़की के साथ क्या हुआ. बेहोशी की हालत में लड़की को तुरंत चक्रधरपुर अनुमंडल अस्पताल लाया गया. अस्पताल में बेहोश नाबालिग लड़की की डॉक्टर ने जांच की. इसके बाद जब डॉक्टर ने उसके परिजनों को बेहोशी का कारण बताया तो उनके पैरों तले से जमीन खिसक गई. डॉक्टर ने बताया कि लड़की 8 महीने की गर्भवती है.
इसके बाद परिवार वालों को आश्चर्य हुआ कि लड़की कब और कैसे गर्भवती हो गई. लड़की के होश में आने के बाद उसके परिजनों ने उससे पूछताछ की. काफी पूछताछ के बाद डरी हुई लड़की ने बताया कि उसके सगे चाचा ने उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाए हैं. चाचा ने उसके साथ एक नहीं बल्कि कई बार शारीरिक संबंध बनाए हैं.
लड़की ने बताया कि उसका चाचा उसकी गरीबी का फायदा उठाकर उसके साथ रेप करता था. लोक-लाज के कारण वह किसी से कुछ नहीं कह सकी. चाचा को यह भी डर था कि कहीं वह गर्भवती न हो जाये. इसलिए चाचा उसे गर्भपात की गोलियां भी दे रहे थे. लेकिन गर्भपात सफल नहीं हुआ और वह गर्भवती हो गयी. लड़की की आपबीती सुनकर गांव में गुस्सा फूट पड़ा.
इसके बाद ग्रामीण रिटायर्ड शिक्षक लक्ष्मण हांसदा के घर पहुंचे और उन्हें घर से बाहर निकाला. फिर उसे जूते-चप्पल की माला पहनाई और पूरे गांव में घुमाया. इस दौरान उनकी पिटाई भी की गई. इस दौरान आरोपी का बेटा अपने पिता को बचाने के लिए बीच-बचाव करता रहा. लेकिन ग्रामीणों ने दोनों की पिटाई कर दी. इसके बाद उसे पुलिस के हवाले कर दिया. पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है. वहीं, गर्भवती नाबालिग का इलाज अस्पताल में जारी है.