नवरात्र में गाड़ियों की रिटेल बिक्री बढ़कर 5.39 लाख यूनिट पर पहुंची

Update: 2022-10-11 13:32 GMT

दिल्ली: इस साल नवरात्र पर देश में कुल खुदरा वाहन बिक्री बढ़कर 5.39 लाख इकाई पर पहुंच गई जो कोरोना पूर्व स्तर से 16 फीसदी अधिक है। वहीं पिछले वर्ष के मुकाबले इस नवरात्र पर 57 फीसदी वाहन अधिक बिके हैं। वाहन डीलरों के संगठन फाडा की ओर से जारी आंकड़ों में यह बात सामने आई है। वाहन बिक्री के कोरोना पूर्व स्तर के पार पहुंचने को देश की अर्थव्यवस्था के तेजी से पटरी पर आने के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। इस दौरान विभिन्न श्रेणियों में 48 फीसदी से लेकर 115 फीसदी का उछाल देखा गया है। सबसे अधिक तेजी तिपहिया की बिक्री में आई है और वह दोगुनी से अधिक बढ़ी है। फाडा के अध्यक्ष, मनीष राज सिंघानिया ने कहा कि नवरात्र की खुदरा बिक्री स्पष्ट रूप से दिखाती है कि ग्राहक तीन साल के अंतराल के बाद खरीदारी के लिए तेजी से शोरूम पहुंचे हैं। इसमें सबसे अहम दोपहिया की बिक्री में तेजी है जो कोविड पूर्व स्तर से लगातार कमजोरी दिखा रही थी।

रोजगार देने में आगे है यह उद्योग: देश का विनिर्माण क्षेत्र सीधे तौर पर सबसे अधिक रोजगार देता है। इसमें वाहन क्षेत्र सबसे आगे है जिसमें 3.7 करोड़ लोगों को रोजगार मिला हुआ है। वाहन क्षेत्र में कलपुर्जा उद्योग में 50 लाख से अधिक रोजगार मिला हुआ है। सरकार का लक्ष्य वाहन उद्योग में पांच करोड़ नए रोजगार के अवसर पैदा करना है।

क्षेत्र का अहम योगदान: मौजूदा समय में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वाहन उद्योग की हिस्सेदारी 7.1 फीसदी है जिसे सरकार ने 12 फीसदी तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। वाहन क्षेत्र का सालाना टर्नओवर 7.5 लाख करोड़ का है, जबकि 3.5 लाख करोड़ का निर्यात करता है।

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