श्रीनगर के इस इलाके में प्रतिबंध लागू, मुहर्रम के जुलूस को रोकने के लिए भारी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात
जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के श्रीनगर के अबी गुजर इलाके में शिया समुदाय के सदस्यों को अशूरा के मौके पर पारंपरिक जुलूस निकाले जाने से रोकने के लिए अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को प्रतिबंध लगाए.
जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के श्रीनगर के अबी गुजर इलाके में शिया समुदाय के सदस्यों को अशूरा के मौके पर पारंपरिक जुलूस निकाले जाने से रोकने के लिए अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को प्रतिबंध लगाए. यह मुहर्रम के 10 दिन के शोक का अंतिम दिन होता है. अधिकारियों ने बताया कि कोठीबाग थाना क्षेत्र के भीतर आने वाले अबी गुजर इलाके में प्रतिबंध लगाए गए हैं और मुहर्रम के 10वें दिन क़ानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात हैं.
पुलिस ने मंगलवार को शहर के अलग-अलग स्थानों पर शिया समुदाय के कई लोगों को हिरासत में लिया, क्योंकि ये जुलूस निकालने की कोशिश कर रहे थे. पारंपरिक मुहर्रम जुलूस अबी गुजर, लाल चौक और डलगेट इलाक़ों से गुजरता था, लेकिन 90 के दशक में आतंकवाद के उभार के बाद इसे प्रतिबंधित कर दिया गया, क्योंकि प्रशासन का कहना है कि इसका इस्तेमाल अलगाववादी राजनीति के प्रचार के लिए किया जाता था.
लोगों की सोच में बदलाव
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने हाल ही में कहा था कि जम्मू कश्मीर के लोगों की सोच में बदलाव दिख रहा है और कश्मीर में आतंकवाद अब अपने 'अंतिम चरण' में है. प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री सिंह ने कहा कि लोगों की सोच में बदलाव दिख रहा है. खुले में घूम रहे श्रीनगर के लोग अब बदलाव चाहते हैं और देश के अन्य हिस्सों के लोगों की तरह (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी के नए भारत का हिस्सा बनना चाहते हैं.'' उन्होंने कहा कि हालांकि भय की वजह से लोग खुल कर अपनी आकंक्षा व्यक्त नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने कहा था कि मैं समझता हूं कि आतंकवाद का यह अंतिम चरण है.''