गुहार: महाराष्ट्र के सिनेमाघरों को खोलने की मांग, संजय राउत से मिले फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गज
हिंदी फिल्मों की कमाई का सबसे ज्यादा हिस्सा दिलाने वाले फिल्म वितरण क्षेत्र मुंबई के साथ साथ पूरे महाराष्ट्र के सिनेमाघर फिर से खोले जाने को लेकर फिल्म निर्माताओं और सिनेमाघर मालिकों ने शिवसेना से गुहार लगाई है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदी फिल्मों की कमाई का सबसे ज्यादा हिस्सा दिलाने वाले फिल्म वितरण क्षेत्र मुंबई के साथ साथ पूरे महाराष्ट्र के सिनेमाघर फिर से खोले जाने को लेकर फिल्म निर्माताओं और सिनेमाघर मालिकों ने शिवसेना से गुहार लगाई है। महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की सरकार ने राज्य के सिनेमाघरों को खोलने पर पाबंदी जारी रखी है हालांकि देश के तकरीबन सभी राज्यों के सिनेमाघर 50 फीसदी क्षमता के साथ खुल चुके हैं और अभी तक इससे किसी तरह की बड़ी परेशानी होने की बात भी सामने नहीं आई है। मुंबई समेत महाराष्ट्र के सभी सिनेमाघरों के बंद होने से हिंदी फिल्मों के कारोबार पर खराब असर पड़ रहा है और इसके चलते तमाम बड़ी फिल्मों की रिलीज डेट भी अब आगे खिसकने लगी हैं।
देश में सिनेमा का कारोबार मुख्य रूप से हिंदी, तेलुगू और तमिल सिनेमा पर सबसे ज्यादा निर्भर करता है। दुनिया के मुख्य मनोरंजन बाजारों में भारत की गिनती होती है। कोरोना काल के बावजूद भारतीय मनोरंजन जगत ने एक अनुमान के मुताबिक 70 अरब रुपयों से ज्यादा का कारोबार बीते साल किया हालांकि इसमें प्रमुख योगदान सीधे ओटीटी पर रिलीज हुई फिल्मों और वेब सीरीज का रहा। हिंदी फिल्मों की टिकट बिक्री से होने वाली आमदनी में सबसे ज्यादा हिस्सा हमेशा से मुंबई फिल्म वितरण क्षेत्र का रहा है, इसके बाद दिल्ली-यूपी और ईस्ट पंजाब वितरण क्षेत्र की बारी आती है। बिहार, मध्य प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़ और राजस्थान आदि राज्यों से होने वाली कमाई इन तीनों वितरण क्षेत्रों से काफी कम है। यही वजह है कि महाराष्ट्र के सिनेमाघर बंद होने का असर अब हिंदी फिल्मों के कारोबार पर दिखने लगा है।
महाराष्ट्र में सिनेमाघरों को जल्द से जल्द खोले जाने की मांग को लेकर मुंबई के फिल्म निर्माता और वितरकों ने इसी सिलसिले में शिवसेना के प्रमुख नेता संजय राउत से गुरुवार को मुलाकात की। इस दौरान राउत ने फिल्म उद्योग को तुरंत सहायता दिलाने के लिए भरसक प्रयास करने का भरोसा दिलाया और कहा कि वह इस बारे में कोई न कोई हल जल्द ही जरूर निकालेंगे। पेन स्टूडियोज के प्रबंध निदेशक डॉ. जयंती लाल गडा की अगुआई में हुई इस मुलाकात के दौरान फिल्म जगत के सामने महाराष्ट्र के सिनेमाघर बंद होने से आ रही दिक्कतों पर लंबी चर्चा हुई।
शिव सेना नेता व सांसद संजय राउत से मिलने वालों में जयंती लाल गडा के अलावा पेन मरुधर के संजय मरुधर, मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया और पीवीआर पिक्चर्स के सीईओ कमल ज्ञानचंदानी, आइनॉक्स लीजर लिमिटेड के सीईओ आलोक टंडन, सिनेपोलिस इंडिया के सीईओ देवांग संपत और पीवीआर सिनेमाज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष थॉमस डिसूजा भी शामिल रहे।
गौरतलब है कि कोरोना की दूसरी लहर के कमजोर होने के बाद से देश भर में हिंदी फिल्मो की रिलीज का सिलसिला शुरू हो चुका है। लेकिन फिल्म जगत का मानना है कि महाराष्ट्र के सिनेमाघर बंद होने से उनकी फिल्मों का वैसा कारोबार नहीं हो पा रहा है, जैसी कि अपेक्षा फिल्म जगत को रही है। इस दौरान रिलीज हुई फिल्मों 'बेलबॉटम', 'चेहरे' और 'थलाइवी' को इसी के चलते महाराष्ट्र मे रिलीज नहीं किया जा सका। महाराष्ट्र के सिनेमाघर बंद होने के चलते मेगाबजट फिल्म 'आरआरआर' अब अक्टूबर में रिलीज नहीं हो रही है। इसके अलावा भी बड़े बजट की काफी फिल्में जैसे 'सूर्यवंशी', '83', 'गंगूबाई काठियावाड़ी', 'पृथ्वीराज', 'शमशेरा', 'बंटी और बबली 2' और 'जयेशभाई जोरदार' पूरी होने के बाद भी रिलीज की राह तक रही हैं।