Republic day: राष्ट्रीय ध्वज को फहराने के संबंध में केंद्र सरकार का निर्देश, न हो तिरंगे का अपमान
केंद्र ने गणतंत्र दिवस से पहले सरकारी संगठनों, एजेंसियों और लोगों में राष्ट्रीय ध्वज को फहराने संबंधी नियमों व परंपराओं के बारे में जागरूकता के स्पष्ट अभाव को रेखांकित करते हुए।
केंद्र ने गणतंत्र दिवस से पहले सरकारी संगठनों, एजेंसियों और लोगों में राष्ट्रीय ध्वज को फहराने संबंधी नियमों व परंपराओं के बारे में जागरूकता के स्पष्ट अभाव को रेखांकित करते हुए. राज्यों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि तिरंगे का अपमान नहीं हो। गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को ऐसा सुनिश्चित करने के लिए कहा है।
गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को भेजे एक संवाद में कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए कि लोग सांस्कृतिक व खेल कार्यक्रमों में भाग लेते समय केवल कागज के झंडों का इस्तेमाल करें और इन झंडों को जमीन पर फेंकने के बजाय गरिमा के अनुरूप निजी तौर पर इनका निस्तारण करें।
भारत की ध्वज संहिता के अनुसार, आमजन महत्वपूर्ण राष्ट्रीय, सामाजिक व खेल समारोहों में कागज का बना राष्ट्रीय ध्वज फहरा सकते हैं। मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज देश के लोगों की उम्मीदों और आकांक्षाओं को दर्शाता है और इसलिए इसका एक सम्मानजनक स्थान होता है।
मंत्रालय ने कहा कि इसके बावजूद राष्ट्रीय ध्वज को फहराने पर लागू होने वाले कानूनों एवं परंपराओं के संबंध में लोगों के साथ-साथ सरकार के संगठनों या एजेंसियों में अक्सर जागरूकता की स्पष्ट कमी देखी जाती है। गृह मंत्रालय ने राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों से कहा कि वे इस संबंध में जागरूकता अभियान चलाएं और इलेक्ट्रानिक और प्रिंट मीडिया में विज्ञापनों के जरिए इसका व्यापक प्रचार करें। इसमें कहा गया है कि 'राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971' और राष्ट्रीय ध्वज को फहराने संबंधी नियमों से जुड़ी व 2021 में संशोधित 'भारतीय ध्वज संहिता, 2002' की प्रति मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध है।