Republic Day 2022: माइनस 2 डिग्री की ठंड में भी जैसलमेर में ऐसे सरहद की रखवाली करती है बीएसएफ जवान

यूं तो अपने देश के सिपाहियों को याद करना और उनके प्रति अपनी कृतज्ञता दिखाना किसी एक दिन के लिए सीमित नहीं होना चाहिए.

Update: 2022-01-26 10:56 GMT

देश की राजधानी दिल्ली से हजार किलोमीटर से ज़्यादा की दूरी तय कर हम आ पहुंचे थार के रेगिस्तान में भारत-पाकिस्तान सीमा पर पहरा दे रही BSF की एक बटालियन के साथ एक दिन बिताने के लिए. BSF यानी सीमा सुरक्षा बल को भारत की सीमाओं का पहला पहरेदार भी कहा जाता है. भारत के पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ सटे बॉर्डर को पहली पंक्ति में खड़े रहकर सुरक्षित रखने की ज़िम्मेदारी बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स की ही है. पाकिस्तान के साथ राजस्थान के बॉर्डर पर तैनात हमारे BSF के जवान दिन में 55 डिग्री की धूप हो या रात में -2 डिग्री की ठंड, हर वक्त, हर पल फेंस के साथ साथ पहरेदारी करते हैं.

फुट पेट्रोलिंग और जीप पेट्रोलिंग के साथ-साथ रेगिस्तान के हवाई जहाज़ कहे जाने वाले ऊंटों को भी BSF के सिपाही पेट्रोलिंग में इस्तेमाल करते हैं. Camel पेट्रोलिंग के लिए जैसी ही हमारी टीम तैयार हुई, कंपनी कमांडर साहब का ऊंट थोड़ा आक्रामक हो गया और उस पर बैठे कैमल कंट्रोलर को गिरा दिया. उस वक़्त समझ आया कि 'ऊँट किस करवट बैठ जाए' महज़ एक कहावत ही नहीं, हक़ीक़त है.
लेकिन थार रेगिस्तान जैसे मुश्किल भूभाग में ऊंट एक ऐसा सिपाही है, जो सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है. ऊंट पर बैठ कर दस फुट की ऊंचाई से दूर-दूर तक देख पाना एक बहुत बड़ा एडवांटेज है. कठिन परिश्रम करने वाले ये देश के ये साहसी वीर ही हैं, जिनके लिए कोई भी चुनौती इतनी बड़ी नहीं होती कि वो उनकी देश भक्ति को हिला सके. कंपनी कमांडर इंदरजीत सिंह ने बताया, "ऊंट हमारी पेट्रोलिंग का एक अहम हिस्सा हैं. एरिया डोमिनेशन और एरिया ऑब्ज़र्वेशन के लिए ऊंट की ऊंचाई से काफी फ़ायदा मिलता है और जिस क्षेत्र में हमारे जवान पैदल जाने में सक्षम न हों, वहां कैमल पेट्रोलिंग काफी प्रभावी रहती है."
कैमल पेट्रोलिंग के बाद, हम अपने सीमा प्रहरियों के साथ निकल पड़े फुट पेट्रोलिंग के लिए. ये जान लीजिये कि एक टूरिस्ट के तौर पर सैंड डून्स पर घूमना और एक सिपाही के तौर पर दस किलो का भार और अपनी राइफल को कंधे पर रख कर सीमा चौकसी करना बेहद अलग है. फुट पेट्रोलिंग में हमारे साथ BSF की महिला प्रहरी भी थीं. उनसे बात करके पता चला कि BSF में महिला प्रहरी, बॉर्डर पर वो सभी ऑपरेशनल ड्यूटी करती हैं, जो उनके पुरुष साथी करते हैं. नाइट पेट्रोलिंग हो या वेपन ट्रेनिंग, महिला प्रहरी हर काम में अपने साथियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलती हैं.
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