यूपी। संभल जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने के दावे को लेकर दाखिल याचिका पर कराया गया सर्वे पूरा हो गया है। कोर्ट कमिश्नर ने गुरुवार को अपनी रिपोर्ट भी कोर्ट में सौंप दी। मामला पहले ही सुप्रीम कोर्ट पहुंचने और शीर्ष अदालत के आदेश पर रिपोर्ट को सील बंद लिफाफे में जमा किया गया है। सर्वे रिपोर्ट को लकेर कोर्ट कमिश्नर रमेश सिंह राघव ने कहा कि 40 पन्नों में रिपोर्ट सौंपी गई है। जब भी रिपोर्ट ओपन होगी तो सारी जानकारी सामने आएगी। कोर्ट कमिश्नर ने मामले की अगली सुनवाई या नई डेट को लेकर कहा कि रेस्पॉन्डेंट नंबर 6 (मुस्लिम पक्ष) अगर हाईकोर्ट जाते हैं तो उसके आधार पर देखा जाएगा कि आगे क्या होगा। कोर्ट कमिश्नर ने यह जरूर कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक रिपोर्ट खुलेगी नहीं। सुप्रीम कोर्ट का आदेश न आने तक रिपोर्ट में क्या है ये जज भी नहीं देख सकते हैं। उन्होंने कहा कि चूंकि मेरा स्वास्थ्य ठीक नहीं था इसलिए रिपोर्ट पेश होने में थोड़ा समय लगा।
इस सर्वे के दौरान ही संभल में हिंसा भड़क उठी थी। इस हिंसा में ही पांच युवकों की मौत हो गई थी। हालांकि प्रशासन हिंसा में उन चार लोगों की मौत को ही मानता है जिन्हें गोली लगी थी। सपा और विपक्षी पार्टियां चोट लगने से हुए एक युवक की मौत को भी सर्वे के दौरान बवाल में मौत मानता है। सपा ने पिछले दिनों मारे गए पांचों युवकों के परिजनों को पांच-पांच लाख के चेक भी सौंपे थे।
19 नवंबर को दाखिल याचिका में कोर्ट के आदेश पर उसी दिन मस्जिद का सर्वे किया गया था। इसके बाद दूसरी बार 24 नवंबर को टीम सर्वे के लिए पहुंची तो बवाल हो गया। पुलिस और उपद्रवियों के बीच जमकर पथराव और गोलीबारी हुई। इस दौरान गोली लगने से चार युवकों की मौत हो गई। एक युवक की मौत चोट लगने से हुई। किसी तरह संभल में तो मामला शांत हो गया लेकिन सड़क से संसद तक गूंजने लगा। सपा और कांग्रेस ने विधानसभा से लेकर लोकसभा और राज्यसभा में मामले को उठाया।