3 गुना तेजी से हो रहा रेमडेसिवीर का प्रोडक्शन...केंद्रीय मंत्री ने दी जानकरी

Update: 2021-05-04 10:52 GMT

फाइल फोटो 

कोरोना (Corona Virus) के खिलाफ जारी जंग के दौरान देश में रेमडेसिवीर दवा की मांग भी काफी ज्यादा बढ़ गई है. ऐसे में अब इस दवा के उत्पादन पर ध्यान दिया जा रहा है. रेमडेसिवीर दवा की बढ़ती मांग के बीच रासायनिक और उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने आज यानी मंगलवार को बताया कि रेमडेसिवीर के उत्पादन का काम तेजी से जारी है.



उन्होंने बताया कि रेमडेसिवीर के उत्पादन का काम देश में तेजी बढ़ रहा है. भारत ने रेमडेसिवीर की उत्पादन क्षमता 3 गुना हासिल कर ली है और जल्द ही बढ़ती मांग को पूरा करने में सक्षम हो जाएगा. कोरोना की दूसरी लहर के बीच देशभर में मरीजों को अस्पतालों में बेड मिलना मुश्किल हो गया है. ऑक्सीजन की कमी से तो लोग जूझ ही रहे हैं, रेमडेसिविर (Remdesivir) इंजेक्शन की भी भारी किल्लत बनी हुई है. रेमडेसिविर इंजेक्शन की ब्लैक मार्केटिंग की भी खबरें सामने आ रही हैं. ऐसे में हजारों मरीजों के परिजन परेशान हो रहे हैं.
दवा कंपनियों के पास इन दवाओं का स्टॉक खत्म होने लगा है. सरकारी अस्पतालों में तो इनकी कमी थी ही, प्राइवेट अस्पतालों और नर्सिंग होम्स में भी ये दवाएं नहीं मिल रही हैं. कोविड मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टर बाहर से ये इंजेक्शन्स लेकर आने को कह रहे हैं, लेकिन बाहर मेडिकल दुकानों में भी ये दवाएं नहीं मिल पा रही हैं. इस बीच इन दवाओं की किल्लत पर अग्रणी दवा निर्माता कंपनियों में से एक बायोकॉन (Biocon) की ओर से कहा गया था कि रेमडेसिविर की जो शॉर्टेज चल रही है, उसमें 15 मई से कमी आ सकती है. जबकि टोसिलिजुमैब की शॉर्टेज में जून तक कमी आ जाएगी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, शॉ ने कहा कि मई के मध्य से जून के बीच का समय इनकी कमी को कम करने का रहेगा. हम ऐसी ही उम्मीद कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि कोई भी कंपनी इन दवाओं की भारी मांग के हिसाब से तैयार नहीं थी. अभी इन दवाओं की बहुत डिमांड है और​ किसी कंपनी के लिए तुरंत इसे पूरा कर पाना संभव नहीं है. उनके कहने का आशय ये रहा कि अकेले किसी कंपनी के बूते की बात नहीं है. हम रैंप अप कर रहे हैं और स्थिति जल्द सुधरेगी.
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