जब केंद्रीय एजेंसियों की जांच पर हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी, जानें क्या है पूरा मामला?
नाराजगी का सामना करना पड़ा।
कोलकाता: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों को पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये की नगरपालिका भर्ती में दोषपूर्ण जांच प्रक्रिया के लिए शुक्रवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा की नाराजगी का सामना करना पड़ा।
इस मामले में सुनवाई के दौरान, न्यायमूर्ति सिन्हा ने कहा कि चूंकि सभी संबंधित दस्तावेज और जानकारी खुले मंच पर उपलब्ध हैं, तो केंद्रीय एजेंसियों का नगरपालिका अधिकारियों को नगर पालिकाओं के विवरण के बारे में जानकारी मांगने के लिए एक अलग नोटिस भेजने का क्या उद्देश्य था? '
न्यायमूर्ति सिन्हा ने ईडी से सवाल किया, "क्या यह इस मामले की जांच का हिस्सा था।"
उन्होंने नगर पालिकाओं में भर्ती मामले की जांच कर रही दो केंद्रीय एजेंसियों के जांच अधिकारियों के नामों की सूची भी मांगी। जस्टिस सिन्हा ने कहा, "मैं मामले में सभी पहलुओं की समीक्षा करूंगा और यदि आवश्यक हुआ, तो मैं मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन का आदेश दूंगा व आवश्यक होने पर कलकत्ता उच्च न्यायालय की प्रत्यक्ष निगरानी में मामले की जांच की जाएगी।"
उन्होंने ईडी के कुछ अधिकारियों की पूछताछ शैली पर भी सवाल उठाए। न्यायमूर्ति सिन्हा ने कहा, "वे ऐसे सवाल उठा रहे हैं जिनके उत्तर खुले मंच पर आसानी से उपलब्ध हैं।"
पश्चिम बंगाल सरकार के वकील ने यह भी सवाल किया कि नगर पालिकाओं के भर्ती घोटाले की जांच को लेकर दोनों केंद्रीय एजेंसियां कितनी गंभीर हैं। घोटाले की केंद्रीय एजेंसी से जांच का आदेश मूल रूप से कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय ने दिया था। बाद में मामला जस्टिस सिन्हा की बेंच को रेफर कर दिया गया और उन्होंने जस्टिस गंगोपाध्याय की पीठ के आदेश को बरकरार रखा था।