नई दिल्ली (आईएएनएस)| गुजरात और हिमाचल प्रदेश चुनावों से पहले कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने रिकॉर्ड जब्ती की है। हाल ही में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने हिमाचल प्रदेश में भारी मात्रा में जब्ती का हवाला देते हुए व गुजरात चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा करते हुए प्रलोभन मुक्त चुनाव पर जोर दिया था। गुजरात में चुनाव की घोषणा के कुछ दिनों के भीतर ही 71.88 करोड़ रुपये जब्त किए गए। पिछले विधानसभा चुनाव में आदर्श आचार संहिता लागू करने की पूरी अवधि में 27.21 करोड़ रुपये ही जब्त किए गए थे।
इसी तरह हिमाचल प्रदेश में भी 50.28 करोड़ रुपये की बरमदगी की गई है, जो पिछली बार के 9.03 करोड़ रुपये की तुलना में पांच गुना से अधिक है।
चुनाव आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चुनावों में धनबल पर रोक लगाने के लिए अभी बहुत प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि व्यय निगरानी की प्रक्रिया चुनावों की घोषणा से महीनों पहले शुरू हो जाती है।
व्यापक निगरानी के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षकों और डीईओ व एसपी के साथ मिलकर काम किया जाता है।
गुजरात में चुनाव की घोषणा के बाद से 3.86 करोड़ रुपये मूल्य की लगभग 1,10,000 लीटर शराब जब्त की गई है। 64 करोड़ रुपये के खिलौने जब्त किए गए। मामले में मास्टरमाइंड समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
गुजरात विधान सभा के आम चुनावों में धनबल पर अंकुश लगाने के लिए चुनाव आयोग ने 69 व्यय पर्यवेक्षकों को भी तैनात किया है।
सत्ताईस विधानसभा क्षेत्रों को खर्च की दृष्टि से संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्रों के रूप में चिह्न्ति किया गया है।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के आम चुनावों में धनबल पर अंकुश लगाने के लिए 23 व्यय पर्यवेक्षकों को तैनात किया गया है।