लालू की पार्टी में नेताओं के बागी सुर, क्या बड़ा झटका देने की तैयारी है?

Update: 2024-04-13 10:24 GMT

फाइल फोटो

पटना: लोकसभा चुनाव को लेकर सभी दलों का प्रचार जोर पकड़ने लगा है। इस बीच बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के तीन मुस्लिम नेताओं की नाराजगी सियासी चर्चाओं के केंद्र में है।
राजद के पूर्व राज्यसभा सांसद अहमद अशफाक करीम ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया। उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव को पत्र लिखकर अल्पसंख्यकों को सम्मानजनक हिस्सेदारी नहीं देने का आरोप लगाया। जानकारी के मुताबिक कटिहार लोकसभा से राजद का टिकट नहीं मिलने से नाराज पूर्व सांसद करीम जदयू के नजदीक बताए जा रहे हैं। वहीं, पूर्व सांसद तस्लीमुद्दीन के बड़े पुत्र सरफराज आलम भी राजद से नाराज बताए जा रहे हैं। इस चुनाव में राजद ने अररिया से सरफराज के बदले शाहनवाज को टिकट दिया है। अपने टिकट कटने से सरफराज न केवल अपने भाई शाहनवाज से नाराज हैं, बल्कि लालू यादव और तेजस्वी यादव से भी खफा हैं।
इसी बीच सरफराज आलम ने शुक्रवार को कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई थी। इस दौरान लोगों को संबोधित करते हुए सरफराज आलम भावुक हो उठे और खुले मंच पर रोने लगे।
सीवान में शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब पहले से ही राजद से नाराज हैं। कहा जा रहा है कि उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। माना जा रहा है कि राजद ने इसी कारण अब तक सीवान सीट से अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है। राजद के वोटबैंक एम वाई (मुस्लिम-यादव) को माना जाता रहा है। मुस्लिम के साथ-साथ यादव समाज के कई नेता राजद से खफा बताए जा रहे हैं। यादव जाति के कई नेताओं की नाराजगी अब खुलकर सामने आ रही है। नवादा सीट से टिकट नहीं मिलने से नाराज विनोद यादव पहले से ही चुनावी मैदान में डटे हुए हैं।
कहा तो यहां तक जा रहा है कि राजद के कई विधायक उनका समर्थन कर रहे हैं। वहीं पूर्णिया से भी राजद के उपाध्यक्ष देवेंद्र यादव ने बगावती तेवर अपनाते हुए पूर्णिया पहुंच कर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे पप्पू यादव को समर्थन दिया है। इस दौरान उन्होंने लालू यादव पर टिकट बंटवारे में परिवारवाद का आरोप लगाया। यहां से महागठबन्धन ने बीमा भारती को चुनावी मैदान में उतारा है। बिहार भाजपा के मीडिया प्रभारी दानिश इकबाल ने कहा कि अब कोई दल वोट बैंक का दावा नहीं कर सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में तुष्टिकरण की राजनीति को संतुष्टिकरण में बदल दिया है। जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटने का सबसे बड़ा लाभ पसमंदा मुसलमानों को हुआ है। जितने भी विकास की योजनाएं लायी गयी, वह जाति और धर्म देखकर नहीं लायी गयी। मुस्लिम महिलाओं के लिए सबसे बड़ा अभिशाप तीन तलाक था, आज प्रधानमंत्री मोदी ने उसे हटाकर महिलाओं को सम्मान दिया। आज मुसलमानों का आकर्षण भाजपा, एनडीए के प्रति बढ़ा है।
Tags:    

Similar News

-->