अपराध नियंत्रण की हकीकत, हर साल बढ़ रहे हैं चोरी और दुष्कर्म के मामले

Update: 2023-10-04 16:20 GMT
बीकानेर। बीकानेर पुलिस क्राइम कंट्रोल के दावे हकीकत से कोसों दूर नजर आ रहे है। गत तीन वर्ष के जिले के आपराधिक आंकड़ों को देखें तो नकबजनी, चोरी व बलात्कार के मामले पांच से दस फीसदी तक बढ़े है। हर साल आपराधिक मामले बढ़ने से पुलिस की चिंता बढ़ रही है। रंगादारी वसूली, धमकी, गैंगवार, हमला और लूट जैसी घटनाओं ने आमजन के साथ व्यापारियों व नेताओं को भी डरा रखा है। पुलिस ने मादक पदार्थ की तस्करी व हथियारों की तस्करी को रोकने लिए जिले में 13 जगह नाके लगाए तो तस्करों ने नए रूट तलाश कर लिए। भारत माला सड़क से तस्करी रूट को तोड़ने के लिए पुलिस अब इस सड़क मार्ग पर छह जगह नाके लगा रही हैं। बीकानेर संभाग में पुलिस के आंकड़ों पर गौर करें तो श्रीगंगानगर जिला संगीन अपराधों में पहले और बीकानेर दूसरे नंबर पर है। श्रीगंगानगर में साढ़े तीन साल में हत्या, हत्या का प्रयास, बलात्कार, नकबजनी व चोरी के 4024 मामले दर्ज हुए हैं। बीकानेर में 3831 मामले दर्ज हुए हैं। सबसे कम चूरू जिले में दर्ज हुए हैं। हनुमानगढ़ में 3408 एवं चूरू जिले में 2393 मामले दर्ज हुए हैं। जिला पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक इस साल अवैध शराब तस्करी करने पर 392 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया। आरोपियों से 29 हजार 840 लूट शराब बरामद की गई। मादक पदार्थ तस्करी के 241 प्रकरण दर्ज कर 316 व्यक्तियों को पकड़ा। पुलिस ने 1200 किलो डोडा-पोस्त, 12 किलो गांजा, 650 ग्राम स्मैक, 250 ग्राम एमडी, 37 हजार नशीली गोलियां जब्त की गई। वहीं मादक पदार्थों का परिवहन करते 30 कार, सात ट्रक, छह बोलेरो, 3 पिकअप और 13 बाइक-स्कूटी जब्त की गई है।
रेंज में मादक पदार्थ की तस्करी को रोकने के लिए तमाम कोशिशों के बावजूद सफलता नहीं मिली है। इसमें कुछ पुलिस कर्मियों की मिलीभगत और कार्रवाई से पहले सूचना लीक होने जैसी शिकायतें भी रहती है। शहर से गांवों तक चाय-थड़ी, पान की दुकानों पर नशा बिकने की शिकायतें लगातार आ रही है। नशे के खिलाफ पुलिस के उच्चाधिकारियों के निर्देशन में विशेष अभियान भी चलाए गए लेकिन कुछ दिन बाद हालात जस के तस हो जाते है। पिछले दिनों बीकानेर रेंज पुलिस महानिरीक्षक ओमप्रकाश ने नशे के कारोबार को रोकने, तस्करों की कमर तोड़ने के लिए रेंज के सभी पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को कार्रवाई करने के लिए पाबंद किया। थानास्तर पर एक-एक विशेष टीम गठित की गई। इसके बावजूद इसके अच्दे परिणाम नहीं मिले। ऐसे में अब मादक पदार्थ तस्करी और बिक्री रोकने में नामाक रहे आधा दर्जन से अधिक पुलिस अधिकारियों व कार्मिकों पर कार्रवाई की गाज गिर सकती है। पुलिस विभाग के सूत्रों की मानें तो कई पुलिस अधिकारी-कर्मचारी रडार पर है जो नशे के खिलाफ कार्रवाई करने में उत्साह नहीं दिखा रहे है। कइयों को जिम्मेदारी सौंपी गई लेकिन आशा के अनुरूप कार्रवाई नहीं की। ऐसे पुलिस अधिकारियों को चिन्हित किया गया है। पुलिस महानिरीक्षक ओमप्रकाश एवं पुलिस अधीक्षक तेजस्वनी गौतम नशे के कारोबार को जड़ से खत्म करने के लिए सख्ती कदम उठाने के लिए तैयार है। ऐसे में नशे पर कार्रवाई में नाकाम रहे पुलिस अधिकारियों और कार्मिकों पर विभागीय कार्यवाही कर सख्त संदेश देना चाहते है।
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