पटना: जदयू और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमलावर पूर्व केन्द्रीय मंत्री आरसीपी सिंह और उनके परिवार द्वारा खरीदी गई अचल संपत्तियों के ब्योरे की जांच राज्य सरकार की एजेंसियां भी कर सकती हैं। इसको लेकर औरंगाबाद के एक व्यक्ति ने राज्य सरकार से ईओयू से जांच कराने की मांग भी की है। वहीं जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने भी इसके संकेत दिए हैं।
उपेन्द्र कुशवाहा ने एक सवाल के जवाब में कहा कि आरसीपी सिंह को नोटिस दिए जाने के बाद अगला कदम उनपर कानूनी कार्रवाई की हो सकती है। जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि सरकार की जिस भी एजेंसी से जरूरत पड़े, उससे आरसीपी सिंह के खिलाफ जांच करायी जाएगी। वैसे यह निर्णय सरकार की ओर से ही हो सकता है।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रथम दृष्टया यह मामला अनियमितता का दिखता है। पार्टी श्री सिंह के जवाब का इंतजार करेगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई करेगी। हालांकि पार्टी के रुख से नाराज होकर आरसीपी सिंह ने शनिवार की देर शाम इस्तीफा दिया लेकिन उपेन्द्र कुशवाहा ने दिन में ही हिन्दुस्तान से बातचीत में दो-टूक कहा था कि पार्टी में आरसीपी सिंह की उपस्थिति अब औपाचारिकता भर है।
उन्होनें कहा कि श्री सिंह ने स्वयं पार्टी से बाहर जाने के लिए अपनी गतिविधि शुरू की। पार्टी की सीमा से बाहर जाकर कोई काम करे, तो इसे कैसे बर्दाश्त किया जा सकता है। श्री कुशवाहा ने कहा कि पार्टी को जैसे ही अकूत जमीन खरीद मामले की जानकारी मिली, तत्काल इसपर एक्शन लिया गया। सर्वविदित है कि नीतीश कुमार जीरो टालरेंस नीति के साथ काम करते हैं। भ्रष्टाचार कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। एक सवाल पर उन्होंने यह भी कहा कि मामला अचल संपत्ति की खरीद का है, इसमें कोई कैश का मामला नहीं है जिसे कोई छुपा सकता है।