सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने के लिए RBI 19 जून को लॉन्च कर रही है नई सीरीज
Sovereign Gold Bond Scheme Investment Benefits: सरकार एक बार फिर मार्केट रेट से सस्ता सोना खरीदने का मौका देने जा रही है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2023-24 (Sovereign Gold Bond Scheme) की पहली सीरीज 19 जून को लॉन्च करेगा जो निवेश के लिए 23 जून तक खुला रहेगा. वहीं सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2023-24 की दूसरी सीरीज सितंबर में जारी की जाएगी. यह 11 सितंबर से 15 सितंबर 2023 को खुलेगी. इसकी इश्यू डेट 20 सितंबर 2023 होगी. फिलहाल अभी पहली सीरीज के लिए सोने का भाव तय नहीं हुआ है. लेकिन यह पिछले कुछ दिनों में मार्केट रेट के औसत से कुछ कम ही रहने का अनुमान है. एक्सपर्ट सोने में निवेश के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को बेहतर विकल्प मानते हैं.
बता दें कि भारत सरकार की तरफ से आरबीआई ये बॉन्ड जारी करता है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम समय-समय पर एक निश्चित अवधि के लिए जारी होती है. इस स्कीम के तहत आप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से सोना खरीद सकते हैं. खास बात यह है कि गोल्ड बॉन्ड जीएसटी के दायरे में नहीं शामिल है. साथ में गारंटीड रिटर्न भी मिलेगा. इसमें निवेश के कई फायदे हैं, जो आपके लिए जानना जरूरी है.
Sovereign Gold Bond में निवेश का क्या है फायदा
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में मैच्योरिटी 8 साल की होती है. इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इस पर सोने में आने वाली तेजी के अलावा निवेशकों को हर साल 2.5 फीसदी का अतिरिक्त ब्याज मिलता है. यह सोने में उतार चढ़ाव के दौरान निवेशकों को सुरक्षा देता है. मैच्योरिटी पर इसे रिडीम करने पर उस समय 999 प्योरिटी वाले गोल्ड की कीमत की दर से रिटर्न मिलता है. मैच्योरिटी पूरा होने पर मिलने वाला रिटर्न टैक्स फ्री होता है. इन बॉन्डों का टेन्योर 8 साल होता है. लेकिन 5 साल तक होल्ड करने के बाद इससे बाहर निकल सकते हैं. इस बॉन्ड का इस्तेमाल लोन लेने के लिए कोलैट्रल के रूप में भी किया जा सकता है.
गोल्ड बॉन्ड पर टैक्स
इस पर मिलने वाला ब्याज निवेशक के बैंक खाते में छमाही आधार पर जमा किया जाता है. यह ब्याज इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के तहत टैक्सेबल है. एक वित्त वर्ष में गोल्ड बॉन्ड से हासिल ब्याज टैक्सपेयर की अन्य सोर्स से इनकम में काउंट होता है. टैक्स इस आधार पर लगता है कि टैकस देने वाला किस स्लैब में आता है. हालांकि मैच्योरिटी पर मिलने वाला रिटर्न टैक्स फ्री है.
कैसे तय होती है कीमत
गोल्ड बॉन्ड की कीमत सब्सक्रिप्शन अवधि के पिछले हफ्ते के अंतिम तीन वर्किंग डेज में 999 शुद्धता वाले गोल्ड के औसत भाव के आधार पर तय किए जाते हैं. 999 शुद्धता वाले गोल्ड के भाव इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) प्रकाशित करती है. वहीं अगर ऑनलाइन आवेदन और पेमेंट करते हैं तो निवेशकों को 50 रुपये प्रति ग्राम यानी 500 रुपये प्रति 10 ग्राम डिस्काउंट मिलेगा.
कितना कर सकते हैं निवेश
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में कम से कम 1 ग्राम गोल्ड में निवेश करना जरूरी है. इनडिविजुअल्स को अधिकतम 4 किग्रा और ट्रस्ट जैसी एंटिटीज को एक फाइनेंशियल में अधिकतम 20 किग्रा गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने की छूट है. भारत का कोई भी निवासी व्यक्ति और हिंदू अविभाजित परिवार, ट्रस्ट, विश्वविद्यालय और धर्मार्थ संस्थान सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना में निवेश करने के योग्य हैं.
कहां से खरीद सकते हैं गोल्ड बॉन्ड
गोल्ड बॉन्ड बैंकों (छोटे वित्त बैंकों और भुगतान बैंकों को छोड़कर), स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल), नामित डाकघरों और स्टॉक एक्सचेंजों मसलन बीएसई और एनएसई से खरीद सकते हैं.