रिजर्व बैंक ने अदाणी समूह के लिए बदले कर्ज के नियम

Update: 2023-06-14 11:40 GMT

दिल्ली: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने सभी बैंकों को निर्देश दिए हैं, कि वह डिफाल्टर कर्जदारों से कर्ज की राशि वसूल करने के लिए, अपराधिक प्रकरण या न्यायालयीन प्रकरणों से बचें। उनसे समझौता करके बीच का रास्ता निकालें।एनपीए होने के बाद 12 माह के पश्चात, पुनः बैंक बोर्ड की अनुमति से कर्ज चुकाने के लिए, आगे भी कर्ज देकर उद्योग जगत को राहत पहुंचाने का काम करें।

देश के सुप्रसिद्ध उद्योगपति गौतम अडानी समूह के ऊपर 3।8 अरब डालर का कर्ज है। वह दुनिया भर के बैंकों से नए कर्ज लेने के प्रयास कर रहे हैं। समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग ने इस मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों के हवाले से बताया है, कि अडानी समूह की ओर से बैंकों को प्रस्ताव दिया गया है। कर्ज की अवधि बढ़ाने और रिस्ट्रक्चरिंग करने के लिए बैंकों को प्रस्ताव दे रहे हैं। अडानी समूह के अधिकारी बार्कलेज, डॉयचे बैंक, स्टैंडर्ड चार्टर्ड और मित्सुबिसी यूएफजे फाइनेंसियल कारपोरेशन के लगातार संपर्क में है। विदेशी बैंकों ने अभी तक इस बारे में कोई फैसला नहीं लिया है।

वहीं भारतीय रिजर्व बैंक ने कर्ज चुकाने में असमर्थ अथवा एनपीए हो चुके खातों को नियमित करने के लिए कर्ज देने के नियमों को सरल कर दिया है। 12 माह के पश्चात डिफाल्टर को आगे भी ऋण सुविधा प्रदान करने की अनुमति रिजर्व बैंक द्वारा, बैंकों के बोर्ड के लिए सर्कुलर जारी किया है।

निश्चित रूप से भारतीय बैंकों का जो पैसा अडानी समूह के ऊपर बकाया है।उसके लिए उन्हें अब चिंता करने की जरूरत नहीं होगी। भारतीय वित्तीय संस्थानों से उन्हें आगे भी वित्तीय सहायता मिलती रहेगी। अडानी समूह की यह कोशिश भारत में सफल हो गई है। विदेशी बैंकों से भी उन्हें राहत मिल सकती है, ऐसा माना जा रहा है

Tags:    

Similar News

-->