भाजपा नेता के स्कूल में नाबालिग से बलात्कार, परिजनों में मची चीख-पुकार
जानिए कैसे वारदात को दिया अंजाम
लखनऊ। राजधानी लखनऊ के एक स्कूल में 12 साल की नाबालिग से रेप के बाद मर्डर करने का आरोप लगा है. ईको गार्डन धरना स्थल पर एक पिता अपनी इकलौती बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए कई दिनों से धरने पर बैठा हुआ है. पीड़ित पिता का आरोप है कि भाजपा एमएलसी पवन सिंह के बीकेटी स्थित एसआर ग्लोबल पब्लिक स्कूल में 12 साल की बेटी की दुष्कर्म के बाद बेरहमी से हत्या कर दी गई.
जानकारी के अनुसार जालौन की रहने वाली लड़की लखनऊ के एसआर ग्लोबल पब्लिक स्कूल में आठवीं कक्षा की छात्रा थी. एसआर पब्लिक स्कूल के छात्रावास में 20 जनवरी की रात आठवीं की छात्रा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत की जानकारी स्कूल प्रशासन ने पिता को दी. पिता ने स्कूल प्रशासन के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था. 2 फरवरी को फॉरेंसिक टीम ने दोबारा सीन रिक्रिएशन कर बच्ची की मौत की गुत्थी सुलझाने की कोशिश की, लेकिन बच्ची की मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका. बच्ची के पिता ने पुलिस और फॉरेंसिक टीम की जांच रिपोर्ट पर भी सवाल खड़े किए हैं.
उन्होंने कहा कि स्कूल प्रशासन लगातार अपने बयान बदलते रहा, यदि मेरी बेटी स्कूल के पांचवें माले से नीचे गिरेगी तो उसके सिर पर चोट जरूर आती, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ऐसा कुछ भी नहीं निकला, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसके सिर में एक भी चोट न होने की पुष्टि हुई है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कूल्हे और नितंब के पास खरोंच के निशान हैं, ठीक इसी तरह हाथों में भी. वहीं एक स्तन पर गहरे दाग हैं.
मीडीया रिपोर्टस के अनुसार पीड़ित पिता ने आगे ये भी कहा कि जब डॉक्टर को बुलाकर फोरेंसिक जांच हो रही थी तो जो पुतला बनाकर बिल्डिंग के फ्लोर से गिराने के लिए लाया गया था वह 10 किलो था जबकि मेरी बेटी का वजन 40 किलो था और उस पुतले को जब गिराया गया तो दीवाल से सटा कर गिराया गया, वहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर पर कोई चोट नहीं आई है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यूटरस में लीटर भर खून जमा पाया गया. इसका मतलब है कि उसका दुष्कर्म हुआ. पिता ने आरोप लगाया कि जब पोस्टमार्टम हो रहा था तो इंस्टीट्यूट के मालिक और भाजपा एमएलसी पवन सिंह अंदर डॉक्टरों के साथ मौजूद थे, पोस्टमार्टम में उसे हटा दिया और वह मुख्य चीज यह थी कि बाल, नाखून और गुप्तांग की जो स्लाइड बनती है उसे कटवा दिया. पीड़ित पिता ने फॉरेंसिक रिपोर्ट पर भी सवाल उठाए हैं. पिता ने पीएम, सीएम, राज्यपाल, बाल आयोग व मानव अधिकार आयोग से निष्पक्ष जांच की मांग की हैं.केरल हाईकोर्ट ने लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर अपनी टिप्पणी में कहा कि इसे शादी के रूप में मान्यता नहीं दी जा सकती है।