नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म और हत्या, भाजपा अध्यक्ष नड्डा ने पांच सदस्यीय कमेटी का किया गठन

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Update: 2022-04-13 15:50 GMT

कोलकाता। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अब पश्चिम बंगाल के हांसखाली में एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म और हत्या के स्थान का दौरा करने के लिए पांच सदस्य समिति का गठन किया है। समिति के सदस्य आदेशानुसार ज़ल्द घटनास्थल का दौरा करेंगे और अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे। बता दें कि इससे पहले बीरभूम जिले के रामपुरहाट में हुई हिंसा मामले में भी भाजपा अध्यक्ष के निर्देश पर पांच सदस्यीय पार्टी के एक केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल ने घटनास्थल का दौरा किया था और पार्टी अध्यक्ष को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। कमेटी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी अपनी रिपोर्ट सौंपी थी।

गौरतलब है कि बंगाल के नदिया जिले के हांसखाली इलाके में पिछले दिनों बर्थ डे पार्टी में एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म के बाद उसकी मौत की घटना प्रकाश में आई है। दुष्कर्म का आरोप सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के स्थानीय नेता के बेटे पर लगा है। आरोप है कि उसके साथियों ने जबरन नाबालिग के पार्थिव शरीर का दाह संस्कार भी करवा दिया। इस घटना के बाद से विपक्षी दल ममता सरकार के खिलाफ हमलावर हैं।
वहीं, इस सामूहिक दुष्कर्म और उसके बाद उसकी मौत को लेकर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान पर निशाना साधते हुए राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को कड़ी आलोचना करते कहा कि जब लोग निराधार निर्णय सुनाने लगते हैं तो जांच पर असर पड़ता है। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के दृष्टिकोण 'निष्पक्ष जांच में बाधा डाल सकते हैं।' राज्यपाल ने किसी का नाम लिए बिना ट्वीट किया, 'शर्मनाक-दुष्कर्म में आपराधिक जांच, हांसखाली पीड़िता की मौत...जब सरकार और संवैधानिक पदों वाले लोग निराधार निर्णय सुनाने लगते हैं तो जांच पर असर पड़ता है।' विभिन्न मुद्दों पर राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार से टकराते रहे धनखड़ ने यह भी कहा, 'यह कानून के खिलाफ, निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच में बाधा डालता है क्योंकि पुलिस को इस तरह की लाइन पर चलने के लिए मजबूर किया जाता है।'
गौरतलब है कि हांसखाली दुष्कर्म कांड की सीबीआइ जांच की मांग की याचिका पर कल कलकत्ता उच्च न्यायालय में सुनवाई पूरी हो गई। हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है। वहीं इस मामले में पुलिस ने एक और युवक को गिरफ्तार किया है। हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने राज्य के एडवोकेट जनरल सौमेंद्रनाथ मुखर्जी से जानना चाहा कि इस आरोप के आधार पर आप क्या कहेंगे कि पीड़िता की मां ने कहा है कि बिना मृत्यु प्रमाण पत्र पीड़िता के शव को जला दिया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आई। कोई मेडिकल जांच नहीं की गई। पुलिस को सूचना नहीं दी गई।
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